झांसी 26 अगस्त। झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 49वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि विकसित बुंदेलखंड की संकल्पना को साकार करने में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। जब यहां के छात्र देश-विदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर विकसित बुंदेलखंड की गाथा लिखेंगे।
विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से उद्यमिता का उन्नयन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें शामिल होने आये हिमाचल के राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति डिग्री के साथ ही प्रयोगात्मक शिक्षा एवं अनुभव को महत्वपूर्ण स्थान देती है। नई शिक्षा नीति में ध्यान रखा गया है कि यह केवल धन अर्जित करने का साधन न बनकर सामाजिक एवं मनाविक मूल्य का संवर्धन करने में सक्षम रहे। झांसी उत्साह का क्षेत्र है।
उन्होंने ललित कला विभाग के छात्रों द्वारा चंद्रयान 03 विषय पर बनाई गई पोस्टर प्रदर्शनी का अवलोकन किया, साथ ही विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार राशि प्रदान की। प्रथम पुरस्कार पंकज कुमार, द्वितीय पुरस्कार कामिनी कुशवाहा, तृतीय पुरस्कार मोनिका सिसोदिया एवं विशिष्ट पुरस्कार मोनेश वर्मा को प्रदान किया गया। उन्होंने चंद्रयान की सफलता के पीछे वैज्ञानिकों की अथाह मेहनत के साथ ही राष्ट्रीय नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने इस अवसर पर एल्यूमिनी सेल द्वारा आयोजित की जाने वाली अटल व्याख्यान श्रृंखला के पोस्टर का विमोचन किया साथ ही बैंकिंग वित्त एवं अर्थशास्त्र विभाग द्वारा प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के पोस्टर का विमोचन किया।
विशिष्ट अतिथि झांसी ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि जल्दी ही वैद्यनाथ संस्थान विश्वविद्यालय में बुंदेलखंड कल्चरल एवं रिसर्च सेंटर की स्थापना करेगा जिससे छात्रों को बुंदेलखंड की विभिन्न परंपराओं, संस्कृति, व्यंजन, लोक संगीत, साहित्य आदि के बारे में जानकारी मिल सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रदान की। उन्होंने कहा की 26 अगस्त 1975 में स्थापित इस विश्वविद्यालय के निर्माण एवं शिक्षा के उन्नत क्षेत्र के रूप में विकसित करने में पूर्व के सभी कुलपतियों, शिक्षकों, कर्मचारी एवं छात्रों का योगदान रहा है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय राज्य का प्रथम विश्वविद्यालय है जो नैक की चतुर्थ प्रक्रिया की और अग्रसर है। नई शिक्षा नीति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों में लागू कर दी गई है।
वर्तमान में विश्वविद्यालय सात जनपदों के तीन लाख छात्रों को स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी की शिक्षा प्रदान कर रहा है। लगभग 12 000 छात्र कैंपस में अध्यनरत है। इन्नोवेशन सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर एवं शोध आधारित प्रयोगशालाओं का निर्माण किया गया है। बुंदेलखंड के लोगों को कौशल विकास आधारित शिक्षा एमएसएमई के सहयोग से प्रदान की जा रही है।
स्वागत उद्बोधन कुलसचिव विनय कुमार सिंह द्वारा एवं आभार वित्त अधिकारी मोहम्मद वसी द्वारा किया गया। संचालन डॉ अचला पांडे एवं डॉ इरा तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर सुनील काबिया, प्रोफेसर सीबी सिंह, प्रो आर के सैनी, प्रो देवेश निगम, प्रो अपर्णा राज, प्रो पूनम पुरी, प्रो एस के कटियार, प्रो डीके भट्ट, प्रोफेसर मुन्ना तिवारी प्रो सौरभ श्रीवास्तव, प्रो आलोक कुमार के साथ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष शिक्षक कर्मचारी एवं छात्र उपस्थित रहे।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन