सूर्य प्रताप शाही

बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती का हब बनाना सरकार की मंशा: सूर्य प्रताप शाही

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झांसी। बुंदेलखंड के झांसी स्थित  रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रांगण में शुरू हुए तीन दिवसीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रतापशाही ने कहा कि बुंदेलखेड को प्राकृतिक खेती के हब के रूप में विकसित करने की सरकार की मंशा है और इसी के अनुरूप झांसी के केंद्रीयविश्व विद्यालय और बांदा के राज्य कृषि विश्वविद्यालय को टेस्टिंग लैब मुहैया करायी जा रहीं हैं।
 सूर्य प्रताप शाही
श्री शाही ने अन्य गणमान्यों के साथ फीता काटकर मेले का शुभारंभ किया और इसके बाद मंच पर दीप प्रज्जवलित किया । कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि सूर्यप्रताप शाही को स्मृति चिन्ह अंगवस्त्र उड़ाकर स्वागत सम्मान किया। सभी अतिथियों का स्वागत परिचय निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सुशील कुमार सिंह ने किया एवं मेले की रूपरेखा प्रस्तुत की।
 सूर्य प्रताप शाही
कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि  भारत सरकार की परियोजना के अर्न्तगत प्राकृतिक, गौ, ओर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। बुंदेलखण्ड के किसानों के लिए सरकार ने 236 करोड़ 73 लाख रूपए की मूंगफली बुंदेलखण्ड से खरीद की है।  हमें चना, मटर, मसूर, धान, गेहूँ, जौ, कठिया गेहूँ, सरसों को लगाना है। इन सबको सर्मथन मूल्य मिल रहा है।
कृषि मंत्री ने कहा कि बुंदेलखण्ड को तिलहन एवं दलहन का हब बनाना है। इस वर्ष पूरे प्रदेश में 11 लाख किसानों को झाँसी जिले में 1 लाख किसानों को निशुल्क तिलहन का बीज दिया गया। कृषि विवि में जो दो लैव का शिलान्यास हुआ है इनमें 2500 करोड़ की लागत आई है।
उन्होंने किसानों से आवाहन किया कि प्राकृतिक खेती अवश्य करें। राज्य सरकार की ओर से झाँसी को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग एवं कृषि विवि की भी जिम्मेदारी रहेगी। विवि के इसमें विशेष रूप से कार्य करना होगा। उत्तर प्रदेश सरकार 27 जिलों में एग्री प्रोजेक्ट ला रही है इसमें 1300 करोड़ उ0प्र0 सरकार का एवं 2700 करोड़ विश्व बैंक का रहेगा। इससे बुंदेलखण्ड का पिछड़ापन दूर होगा।
 सूर्य प्रताप शाही
कुलपति डॉ़ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि  यह बढ़िया अवसर किसानों को मिला है इस मेले में किसान विभिन्न तकनीकों की जानकारी ले सकते हैं। यह विवि द्वारा लगाया गया तीसरा मेला है। कृषि विवि झांसी ने किसानों के खेतों तक 4000 प्रथम पंक्ति प्रदर्शन के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जागरूक करने का काम किया है।। यह विवि बुंदेलखण्ड के कृषकों के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। विवि में राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों का चयन किया गया है। विवि नेें सरसों, चना एवं श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए दो ग्रामों का चयन कर लिया है। दो प्रयोगशालाएं विवि में बनने जा रही हैं जिनका लाभ किसानों एवं अन्य लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने किसानों से आवाहन किया कि विवि में हो रही एकीकृत प्रणाली खेती, पॉली हाऊस, रबी फसलों व अन्य विधाओं के प्रदर्शन इकाइयों का भ्रमण करके जानकारी प्राप्त करें।
गौ सेवा आयोग उ0प्र0 के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने प्राकृतिक खेती पर विशेष जोर दिया है इस पर उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखण्ड में श्रीअन्न की खेती एवं गौ आधारित प्राकृतिक खेती का हब बनाने जा रही है। इससे किसानों की प्रगति निश्चित ही सम्भव हो सकेगी। बुंदेलखण्ड के किसानों का नाम देश विदेश में जाना जाएगा।
मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्या ने कहा कि कृषि विवि द्वारा आयोजित यह मेला किसानों को कम लागत में ज्यादा पैदावार कैसे करें इसकी जानकारी किसान मेले से अवश्य लें। केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चला रही है। किसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
 सूर्य प्रताप शाही
विशिष्ट अतिथि सदर विधायक  रवि शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं जलवायु अनुकूल कृषि की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई प्रजातियों एवं उन्नत तकनीकों का विकास करना होगा। इससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
कृषि मंत्री शाही जी ने किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी 2025 स्मारिका, जलावायु समावेशी कृषि, प्राकृतिक खेती और पलाश बुंदेलखण्ड की स्थायी आजीविका का साधन नामक चार पुस्तकों एवं बुंदेलखण्ड आधारित कृषि कैलेंडर का विमोचन किया गया।
कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सूर्यप्रताप शाही जी ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के छः प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। इसमें तुलसी खेती में पुष्पेन्द्र यादव मऊरानीपुर, दलहन में आजाद कुमार बिरगुवां झाँसी, बीज उत्पादन में श्री भगवत अहिरवार दुर्गापुर दतिया, उद्यानिकी में विनोद तिवारी, चन्द्रा झाँसी, तिलहन में सूरज सिंह यादव हरदुआं, जालौन, 150 प्रकार के बीज संग्रह में लहरी बाई जिला डिंडौरी, मध्य प्रदेश को शॉल, प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
विश्वविद्यालय द्वारा 5 विषयों पर ग्रामीण नवयुवक 23 उद्यमियों को जिसमें मशरूम उत्पादन, फसल सुरक्षा, बीज उत्पादन, सब्जी उत्पादन, बागवानी के प्रतिभागियों को कृषि मंत्री ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
द्वितीय सत्र दलहन, तिलहन, प्राकृतिक खेती, श्रीअन्न, फल, फूल आदि पर केंद्रित रहा। फसलों एवं सब्जियों का जलवायु अनुकूल प्रबंधन पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस मेले में 2500 किसानों ने प्रतिभाग किया। संचालन डॉ. अर्तिका सिंह ने व आभार निदेशक शोध डॉ. एसके चतुर्वेदी ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम में  श्री शाही के साथ साथ् कुलपति बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय, डॉ. मुकेश पांण्डे, कृषि आयुक्त, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार डॉ. पीके सिंह, सदर विधायक झाँसी रवि शर्मा, गरौठा विधायक जबाहरलाल राजपूत, गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्य, उत्तर प्रदेश विधान परिषद् सदस्य रमा आरपी निरंजन, जिलाधिकारी झाँसी अविनाश कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, झाँसी एलबी यादव भी उपस्थित रहे।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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