आदित्य एल-1

इसरो का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 पहुंचा हैलो ऑर्बिट में

नयी दिल्ली 06 जनवरी । भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन ( इसरो )ने अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रचते हुए देश के पहले सूर्य मिशन “ आदित्य एल-1” को हैलो ऑर्बिट में सफलतापूर्वक शनिवार को पहुंचा दिया।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में पूरी मजबूती और आत्मविश्वास के साथ एक के बाद एक इतिहास रच रहे इसरो के ताज में आदित्य एल-1 मिशन की सफलता  एक और जगमगाता हीरा है। आदित्य एल-1 देश का पहला सूर्य मिशन है जिसे सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा गया है। आदित्य एल-1 आब्जर्वेट्री को लैंगरेज पॉइन्ट -1 (एल -1) पर पहुंचा दिया गया है। यह पॉइन्ट धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। आदित्य एल -1 संबंधित कक्षा में पांच साल तक रहेगा। इस मिशन में सात पेलोड सूर्य के अध्ययन के लिए भेजे गये हैं और यह सभी देश में भी निर्मित किये गये हैं।

 “ आदित्य एल-1”

इसरो के अनुसार इस बिंदू से सूर्य को लगातार अबाध तरीके से देखा जा सकेगा और इसी कारण सौर गतिविधियों को समझने में बहुत मदद मिलेगी। इस मिशन की मदद से सूर्य से निकलने वाली विद्युत चुंबकीय तरंगों , क्रोमोस्फीयर साथ ही सूर्य की सबसे बाहरी सतह कोरोना का भी अध्ययन किया जा सकेगा। इस मिशन में  सूर्य से उठने वाले सौर तूफानों को समझने में भी काफी मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को इस जबरदस्त सफलता के लिए बधाई दी।

टीम वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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