1. निबंध प्रतियोगिता
प्रथम पुरस्कार: 5100 रुपए
द्वितीय पुरस्कार: 3100 रुपए
तृतीय पुरस्कार: 2100 रुपए
2. कविता लेखन एवं वाचन
प्रथम पुरस्कार: 5100 रुपए
द्वितीय पुरस्कार: 3100 रुपए
तृतीय पुरस्कार: 2100 रुपए
3. गद्य की अन्य विधाएं
प्रथम पुरस्कार: 5100 रुपए
द्वितीय पुरस्कार: 3100 रुपए
तृतीय पुरस्कार: 2100 रुपए
प्रतिभागियों को निम्नलिखित दो वर्गों में बांटा गया है –
(1) शोधार्थी वर्ग – शोधार्थी निम्नांकित तीन में से किसी एक प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर सकते हैं।
(2) बी.ए. एवं एम.ए. वर्ग – बी.ए. एवं एम. ए. के छात्र/छात्राएं तीनों प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर सकते हैं।
विजेताओं के नाम की घोषणा 03.08.2025 को की जाएगी।
कार्यक्रम के अंतर्गत तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 03.08.2025 से 05.08.2025 तक किया जाएगा। राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन दिनांक 03.08.2025 को शाम 5 बजे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की गांधी सभागार में किया जाएगा। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय द्वारा की जाएगी। समारोह के मुख्य अतिथि झांसी मंडल के मंडलायुक्त डॉ बिमल कुमार दुबे तथा सारस्वत अतिथि झांसी परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक केशव कुमार चौधरी होंगे। मुख्य वक्ता के रूप में प्रख्यात साहित्यकार महेश कटारे तथा साहित्य एकेडमी मध्य प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार सिंह मौजूद रहेंगे।
उद्घाटन के उपरांत राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त महाविद्यालय, चिरगांव तथा हिंदी विभाग बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से दिए जाने वाले इस सम्मान के लिए इस वर्ष प्रख्यात गीतकार विष्णु सक्सेना को चयनित किया गया है। गीतों के जादूगर के नाम से मशहूर विष्णु सक्सेना को साहित्य और कविता में उनके योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाएगा।
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार वर्ष 2017 में शुरू किया गया। विगत 8 वर्षों में निम्नलिखित साहित्यकारों को यह पुरस्कार कन्हैया सिंह, जयप्रकाश, नन्द किशोर पांडेय, प्रो सुरेंद्र दुबे, मैत्रेई पुष्पा, डॉ रमेश पोखरियाल “निशंक” , अवध किशोर जड़िया तथा डॉ ज्ञान चतुर्वेदी दिया जा चुका है ।
सम्मान समारोह के उपरांत सांस्कृतिक संध्या और राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। कवि सम्मेलन में विष्णु सक्सेना, प्रयागराज के नवगीतकार विनम्रसेन सिंह, तथा राम पर अपनी कविताओं के लिए मशहूर अमन अक्षर शिरकत करेंगे।
संगोष्ठी के दूसरे दिवस दिनांक 04.08.2025 को प्रथम सत्र हिंदी विभाग के वृंदावन लाल वर्मा सभागार में आयोजित किया जाएगा। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ उमेश कुमार सिंह, पूर्व अध्यक्ष, साहित्य एकेडमी, भोपाल करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर योगेंद्र प्रताप सिंह होंगे। वक्ता के रूप में प्रोफेसर हिमांशु सेन (लखनऊ), डॉ. विनम्रसेन सिंह (प्रयागराज) तथा डॉ. गोपेश्वर दत्त पांडेय (नई दिल्ली) होंगे। द्वितीय सत्र 12.15 बजे से 2 बजे तक आयोजित किया जाएगा। तृतीय सत्र 3 बजे से 5 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता प्रोफेसर अवधेश कुमार शुक्ल (वर्धा) द्वारा की जाएगी। मुख्य वक्ता प्रोफेसर देवेंद्र ( बिलासपुर) तथा वक्ता के तौर पर डॉ विनोद कुमार द्विवेदी (लखनऊ), प्रो. सिद्धार्थ शंकर (छपरा), प्रो सतेंद्र कुमार दुबे (सिद्धार्थनगर) उपस्थित रहेंगे।
संगोष्ठी का चतुर्थ सत्र शाम 6:00 बजे गांधी सभागार में आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में प्रख्यात साहित्यकार एवं संस्कृतिकर्मी मालिनी अवस्थी अपनी नई पुस्तक चंदन किवाड़ पर चर्चा करेंगी।
संगोष्ठी का समापन समारोह दिनांक 05.08.2025 को सुबह 11 बजे हिंदी विभाग के वृंदावनलाल वर्मा सभागार में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष माननीय कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय तथा मुख्य अतिथि श्री हरगोविंद कुशवाहा, माननीय दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश होंगे। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव राज बहादुर तथा मुख्य वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. पवन अग्रवाल होंगे। कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
प्रेस वार्ता को हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो मुन्ना तिवारी द्वारा संबोधित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के पौत्र वैभव गुप्त, डॉ श्रीहरि त्रिपाठी, डॉ बिपिन प्रसाद, डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ प्रेमलता श्रीवास्तव, डॉ सुधा दीक्षित, डॉ रेनू शर्मा, डॉ पूजा निरंजन, डॉ सुनीता वर्मा, गरिमा, रिचा, जोगिंदर, आकांक्षा सिंह, मनीष मंडल उपस्थित रहे।