बुंदेलखंड राज्य की मांग

बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत ने शुरू की मुहिम

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झांसी 01 सितंबर । उत्तर प्रदेश के अतिपिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र को पृथक राज्य बनाये जाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने एक बार फिर आवाज बुलंद करना शुरू कर दी है और इसी क्रम में महोबा -हमीरपुर से पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत ने भी मुहिम छेड़ दी है और विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है।

बुंदेलखंड राज्य की मांग

श्री राजपूत ने यहां सर्किट हाउस में “ बुंदेलखंड कनेक्शन” के साथ विशेष बातचीत में आज कहा कि वर्तमान सरकार ने बुंदेलखंड के विकास के लिए काफी काम किया है और इसी का नतीजा है कि फ्री राशन वितरण जैसी योजनाओं से इस क्षेत्र में आत्महत्याओं में कमी आयी है लेकिन अभी तक यहां रोजगार की स्थायी व्यवस्था नहीं हो पायी है। यही कारण है कि अभी तक बुंदेलखंड से  गरीबी और पलायन जैसी समस्याओं का निदान नहीं हो पाया है।

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के पास पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन उनका उचित व्यवस्थापन और वितरण नहीं हो पाने के कारण  इस क्षेत्र के लोगों को उनका वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस क्षेत्र के लोगों को न्याय पाने के लिए दूर दूर स्थित न्यायालयों की ओर जाना पड़ता है जबकि यह किसी से छिपा नहीं कि क्षेत्र में गरीबी कितनी अधिक है। इस क्षेत्र में शिक्षा की स्थिति भी बहुत खराब है और ऐसे में युवाओं को रोजगारपरक शिक्षण प्रशिक्षण नहीं मिल पाने से बेरोजगारी और पलायन का कुचक्र जस का तस बना है।

श्री राजपूत ने कहा कि इस क्षेत्र में औद्योगीकरण और दूसरे विकास का लाभ अभी तक सही तरह से बुंदेलखंडवासियों को नहीं मिल पाया है इसलिए आत्मनिर्भर बुंदेलखंड क्षेत्र को एक पृथक राज्य के रूप में एक नयी पहचान देना समय की मांग हो गयी है। अगर राज्य के रूप में बुंदेलखंड क्षेत्र में होने वाले विकास के सभी लाभ बुंदेलखंडवासियों को मिल पायेंगे। यहां की भौगोलिक स्थितियों के सापेक्ष पर्यावरण संबंधी समस्याओं का निराकरण संभव हो पायेगा। सरकारी तंत्र के तहत विभिन्न ग्रेडों (सेकंड, थर्ड और फोर्थ) की नौकरियां यहां के लोगों को मिल पायेंगी। खनिज के पट्टे यहां केलोगों को मिलेंगे। इस तरह बुंदेलखंडवासियों के विकास की तस्वीर इस क्षेत्र के राज्य के रूप में अस्तित्व लेने से ही संभव हो पायेी।

उन्होंने बताया कि वह  लंबे समय से बुंदेलखंड राज्य निर्माण के लिए प्रयासरत हैं और वर्तमान सरकार की इस क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए गंभीरता को देखते हुए ही बुंदेलखंड अलगराज्य बनाने की मांग को आगे बढा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है जिसमें इस क्षेत्र के विभिन्न वर्गों की अपेक्षानुरूप अलग राज्य की मांग को उठाया गया है।

श्री राजपूत ने बताया कि इस मांग को और मजबूती देने के लिए झांसी में चिंतन बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में प्रबुद्ध वर्ग, पत्रकारों और समाजसेवी संस्थाओं द्वारा दिये गये सुझाव भी इस पत्र में मांगों के रूप में शामिल कर प्रधानमंत्री को प्रेक्षित किये गये हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इन मांगों और बुंदेलख्ंड की वस्तुस्थिति से परिचित केंद्र सरकार बुंदेलखंड राज्य की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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