झांसी। बुंदेलखंड के झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने आज झांसी जिले के ग्राम बिरगुवां में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का औपचारिक शुभारंभ किया।

यह आयोजन भारत सरकार द्वारा आयोजित है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर 29मई से 12 जून 2025 तक संचालित किया जाएगा, इसका प्रारंभ आज ओडिशा के पुरी जिले से केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा किया गया।
कुलपति ने बताया कि रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की विभिन्न टीमों ने झांसी, दतिया एवं निवाड़ी जिलों के 3-3 ग्रामों का भ्रमण किया एवं किसानों से सीधे संवाद स्थापित कर उन्हें उन्नत कृषि तकनीकों, जल प्रबंधन, फसल विवधीकरण एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।
इस अभियान के अंतर्गत देशभर के 700 कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय, आईसीएआर के अनुसंधान संस्थान तथा जिला कृषिविभाग के अधिकारी एवं वैज्ञानिक विभिन्न गांवों में पहुंचकर किसानों को नई तकनीकों, योजनाओं, और सार्थक कृषि उपायों की जानकारी दे रहे हैं।

कुलपत ने किसानों को संबोधित करते हुए “छह सूत्रीय संकल्प” को दोहराया—
1. उत्पादन में वृद्धि 2. खेती की लागत में कमी 3. किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना 4. खरीफ फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीक 5. मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग 6. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना
उन्होंने कहा कि मिट्टी की जांच किसानों के लिए अत्यंत आवश्यक है, इससे उर्वरकों का संतुलित और सही प्रयोग संभव हो सकेगा। इससे भूमि की उत्पादकता और टिकाऊपन में सुधार होगा और खेती की लागत भी कम होगी। उन्होंने आग्रह किया कि किसान रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी में मृदा परीक्षण कराएं और प्राकृतिक खेती को अपनाएं।
निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सुशील कुमार सिंह ने कहा कि खरीफ फसलों की बुआई से पूर्व सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है। 14 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य) में बढ़ोतरी की गई है। कुछ प्रमुख फसलों के नवीनतम एमएसपी निम्नवत हैं:
मूंग – ₹8768,अरहर – ₹8000,उड़द – ₹7800,मूंगफली – ₹7263,
तिल – ₹9846,सोयाबीन (पीला) – ₹5328,मक्का – ₹2400,बाजरा – ₹2775,रागी – ₹4886,ज्वार – ₹3699,धान (सामान्य) – ₹2369,धान (ग्रेड A) – ₹2389
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और वैज्ञानिकों से सामूहिक चर्चा कर क्षेत्र विशेष की तकनीकी जानकारी प्राप्त करें।
डॉ. आरपी यादव, विभागाध्यक्ष वानिकी ने कृषि वानिकी इकाइयों की स्थापना, उसकी प्रक्रिया, लाभ एवं लंबी अवधि के आय स्रोत पर प्रकाश डाला।
डॉ. राकेश चौधरी ने तिलहन एवं मोटे अनाज (मिलेट्स) की उन्नत उत्पादन तकनीकों पर चर्चा की, जबकि डॉ. गुंजन गुलेरिया एवं डॉ. पवन कुमार ने फसल एवं सब्जी उत्पादन में नवाचार और तकनीकी हस्तक्षेपों पर जोर दिया।
डॉ. सिंह ने अंत में यह स्पष्ट किया कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का उद्देश्य केवल योजनाओं की जानकारी देना नहीं, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनाना है। उन्होंने किसानों से वैज्ञानिकों के संपर्क में रहकर निरंतर तकनीकी सलाह लेने का आग्रह किया।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन