झांसी 21 जनवरी । बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक कला प्रदर्शनी कला अभिव्यक्ति-2022 के समापन अवसर पर आज कुलपति प्रो़ मुकेश पाण्डेय ने कला के महत्व को रेखांकित किया।
प्रदशर्नी का अवलोकन करते हुए प्रो़ पाण्डेय ने कहा “ किसी भी देश में कला के क्षेत्र में विकास उसकी समृद्धि का पर्याय है। जैसी भी किसी देश की स्थिति होती है कला का रूप भी उसी प्रकार होता है युद्ध शांति में करुणा कला का रूप लेकर अभिव्यक्त होती है वही शांति स्वतंत्रता एवं अभिव्यक्ति की आजादी होने पर सौंदर्य प्रकृति प्रेम संपन्नता और खुशहाली के भाव कलाकार व्यक्त करता है।”
उन्होंने छात्रों एवं संस्थान के शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि यहां के छात्र विश्वविद्यालय की पहचान है। छात्रों की पहल से विश्वविद्यालय में कई जगह बुंदेली कलाकृतियां साकार रूप ले रही है।
कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि छात्रों की वर्षभर की प्रतिभा को इस प्रदर्शनी के माध्यम से अवसर प्रदान किया गया है कि वह जन-जन तक पहुंचे। निश्चित रूप से कई कला मर्मज्ञ ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया होगा एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की सराहना की होगी।
कला प्रदर्शनी संयोजक एवं ललित कला विभाग की समन्वयक डॉ सुनीता ने सभी अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ के साथ किया। उन्होंने कहा कि ललित कला संस्थान के सभी शिक्षक और छात्र सदैव विश्वविद्यालय के सौन्दर्यकरण में अपना योगदान देने के लिए उपलब्ध है। आप सब की उपस्थिति से निश्चित ही छात्रों का उत्साहवर्धन हुआ है।
राज्य ललित कला के सदस्य वरिष्ठ चित्रकार किशन सोनी ने अपने वक्तव्य पर कहा कि कला के द्वारा विद्यार्थियों को नित नवीन जानकारी मिलती है।
इस अवसर वित्त अधिकारी श्री वसी मोहम्मद ,प्रो.मुन्ना तिवारी ,संकायाध्यक्ष कला विभाग, प्रो.डी. के.भट्ट संपत्ति अधिकारी ने भी अपने उदबोधन में संस्थान के विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देकर कला संस्थान की सराहना की। कार्यक्रम में प्रो. पुनीत बिसारिया हिंदी विभाग, पत्रकारिता विभाग के समन्वयक डॉ जयसिंह, डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ अजय गुप्ता, डॉ बृजेश परिहार, डॉ दिलीप कुमार, उमेश शुक्ला, अभिषेक कुमार, अतीत विजय, कमलेश, बीरेन्द्र कुमार, छात्र रितिक पटेल आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मो.नईम द्वारा किया गया।
वैभव सिंह