झांसी। बुंदेलखंड के झांसी स्थ्ति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बीयू) के अवर अभियंता पद से बर्खास्त अंबरीश गौतम की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हो गयी है, जिसके बाद परिजनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं और इसके बाद प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है।

मृतक के भाई अंकुर गौतम ने बताया कि अंबरीश ने विश्वविद्यालय में निर्माण के नाम पर शासन की ओर से मिले पैसे को कैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया इसको लेकर आवाज उठायी थी। उन्होंने विश्वविद्यालय में हुए लगभग 200 करोड़ के घोटाले की शिकायत विजिलेंस विभाग में की थी। इस शिकायत पर विजिलेंस ने जांच भी की थी और दो साल पहले शासन को रिपोर्ट भी भेज दी गयी थी लेकिन इसके बाद क्या हुआ कुछ पता नहीं चला।
उन्होंने कहा कि कई अधिकारियों के खिलाफ खुली जांच अब भी चल रही है। विश्वविद्यालय में 200 करोड़ के भ्रष्टाचार का खुलासा करने पर विह्सब्लोअर अंबरीश गौतम को प्रशासन की ओर से तमाम तरीकों से मानसिक रूप से प्रताडित किया गया1 उनके खिलाफ विश्वविद्यालय की ओर से जांच करायी गयी और जांच समिति ने उन्हें अवमानना का दोषी बताते हुए 2021 में बर्खास्त कर दिया ।
अंकुर गौतम ने बताया कि जिस समय अंबरीश की यहां मौत हुई उस दौरान घर पर कोई और नहीं था और उनका शरीर नीला पड़ा था साथ ही मुंह से झाग भी आ रहे थे। उनके साथ क्या हुआ कुछ जानकारी नहीं है।
उन्होंने नवाबाद थाने में तहरीर दी है और मामले की सीबीसीआईडी से खुली जांच कराने की भी मांग की है।
इस मामले में भाजपा सरकार में पूर्व शिक्षामंत्री रवींद्र शुक्ला ने भी पूरी साफगोई के साथ अपनी बात रखते हुए इसे न्याय की हत्या करार दिया है। श्री शुक्ला ने कहा कि इस मामले और ऐसे ही बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हुए अन्य भ्रष्टाचार मामलों को लेकर वह भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। इसके जवाब में केवल जांच समितियां बनायी गयी और समितियों में उन्ही लोगों का बाहुल्य रहा जो भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी थे।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि विश्वविद्यालय में इतने बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा साक्ष्यों सहित करने वाले अंबरीश गौतम के परिवार को भूखों मरने की हालत में ला दिया गया। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई से कराये जाने की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की और कहा कि उनके पास इस भ्रष्टाचार मामले में पूरे साक्ष्य हैं। यदि सीबीआई जांच में मामला झूठा पाया गया तो वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे। इस मामले में सीबीआई जांच में भ्रष्टाचार के उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात पर जनता का भरोसा और प्रगाढ़ हो जायेगा।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन