झांसी 03 नवंबर। झांसी की नगर निगम की कान्हा उपवन गौशाला में इस बार सर्दियों से निपटने के लिए विशेष तैयारी की जा रही है। सर्द मौसम में शहर के मुख्य चौराहों, रैन बसेरों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जलाएं जाने वाले अलाव में जलाने के लिए पेड़ों की लकड़ी नहीं बल्कि गाय के गोबर से तैयार किये जा रहे लट्ठों का इस्तेमाल किया जायेगा।
नगर निगम के मुख्य पशु कल्याण अधिकारी डॉ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि नगर निगम लकड़ी से लट्ठ तैयार कर रहा है। इसके उत्पादन की मात्रा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इस बार आने वाली सर्दी के मौसम में अलाव इत्यादि में इसका प्रयोग किया जा सकेगा। नगर निगम के कान्हा उपवन गौशाला में काफी मात्रा में गोबर के लट्ठ तैयार किये गए हैं और लगातार इन्हें सुखाने का काम चल रहा है।
दिसंबर के महीने में आमतौर पर अलाव की जरूरत पड़ती है और हर बार नगर निगम शहर भर में अलाव के लिए लकड़ियों की व्यवस्था करता है। इस बार नगर निगम अपनी गोशाला में बन रहे गोबर के लट्ठ को भी अलाव की लड़की के साथ उपयोग करने की तैयारी में है। झांसी नगर निगम यह प्रयोग पहली बार करने जा रहा है। इस बात की भी तैयारी है कि लकड़ी के लट्ठों का उत्पादन किस तरह से बढ़ाया जा सकता है। गोशाला के गोबर के उपयोग को लेकर नगर निगम इससे पहले दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश सहित कई तरह की मूर्तियां और दीपक बनाने का प्रयोग कर चुका है।
बुंदेलखंड क्षेत्र की अन्ना प्रथा जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लगातार किये जा रहे प्रयासों के क्रम में ही गौशालाओं के निर्माण और उचित रखरखाव की मुहिम जिला प्रशासन की मदद से चलायी जा रही है। अब ऐसी पहल का नतीजा दिखायी देने लगा है1 झांसी नगर निगम की बिजौली स्थित कान्हा उपवन गौशाला में गोबर से लट्ठ बनाने का काम लगभग एक महीने से चल रहा है। इन्हें सुखाने के बाद इनका उपयोग सर्दी के मौसम में अलाव के रूप में जलाने में किया जाएगा। लकड़ी की खपत को काम करने के मकसद से नगर निगम यह तैयारी कर रहा है।