बैंकिंग उद्योग

बैंकिंग उद्योग के नौ संगठनों ने विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

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झांसी । बैंकिंग उद्योग के अधिकारियों/कर्मचारियों के समस्त नौ संगठनों ने ‘यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स’ के बैनर तले अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 24-25 मार्च 2025 की पूर्ण बैंक हड़ताल सहित विभिन्न आन्दोलन के कार्यक्रम निर्गत किये हैं।

बैंकिंग उद्योग
आन्दोलन/प्रदर्शनों के क्रम में  यूएफबीयू के सभी घटक यूनियनों के सदस्य सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के क्षेत्रीय कार्यालय बीकेडी के समीप (विकास भवन के सामने), ग्वालियर रोड, झांसी पर एकत्र हुए lसाथी अमित गुप्ता एवं साथी प्राची त्रिपाठी की संयुक्त अध्यक्षता एवं साथी अशोक महावर के साथ अपनी माँगों के समर्थन में विशाल प्रदर्शन किया l
साथी उपसंयोजक जे पी किलेदार ने बताया कि जबकि देशभर में वित्तीय सेवा विभागों सहित अनेक सस्थाओं में प्रत्येक शनिवार और रविवार को बन्दी होती है तो फिर बैंक ही क्यों शनिवार को खोले जाते हैं बैंकों में भी 05 दिवसीय बैंकिंग होनी चाहिए।
प्रदर्शन एवं सभा को सम्बोधित करते हुए सहसंयोजक सुशील साहू ने बताया कि बैंकों में लाखों पद रिक्त है जबकि बैंक अधिकारी / कर्मचारी कार्य के बोझ से दबा हुआ है। अतः सभी बैंकों में पर्याप्त भर्ती की जाए।
जितेन्द्र अग्रवाल SBI ने माँग की कि पूर्व की भांति ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारी/अधिकारी निदेशकों के पदों को भरा जाए।
डी के चौहान, प्रमोद दुबे ने मांग की कि कर्मचारियों को नियमित किया जाए। ने माँग की कि बैंकों में कार्य कर रहे समस्त अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए lलाल सभानी, आशीष तिवारी ने कहा कि अनियंत्रित बैंकिंग के कारण कुछ अराजक तत्वों द्वारा बैंकों में अधिकारियों/कर्मचारियों पर हमले किये जाते हैं। अतः उनकी सुरक्षा सनिश्चित हो।
रीतेश कुमार, आर पी गुप्ता ने सरकार से माँग की कि बैंकों के ग्रेच्युटी अधिनियम में संशोधन कर ग्रेच्युटी की सीमा 25 लाख की जाए और इसमें आयकर की छूट दी जाए।
विक्रम अमरया, मनोज यादव ने बताया कि बैंकों में कर्मचारियों/अधिकारियों को रियायती दरों पर दिये जाने वाले कर्मचारी ‘कल्याण लाभों’ पर जो आयकर की कटौती की जाती है वो बन्द हो और इसका भार बैंक प्रबंधक को वहन करना चाहिए l
विनय यादव, राहुल साहू ने माँग की कि 12वें द्विपक्षीय समझौते के समय के आईबीए के पास लम्बित मुद्दों का तुरंत समाधान हो।
माधवी नीता, नवनीत चाकना ने बैंकों में आउट सोर्सिंग का विरोध किया ।संजय चौहान, देवेन्द्र वर्मा ने भारत सरकार से माँग की कि आईडीबीआई बैंक में न्यूनतम 51% शेयर पूंजी सरकार की रखी जाए।धीरन्द्र, दीपक सोनी व धीरेन्द्र ने बैंकिंग उद्योग में अनुचित श्रम व्यवहार को बंद करने की मांग की।
सभा एवं प्रदर्शन को विवेक सेन, प्रीतमदास, अंजली, निकेता, नेहा, पारुल, राजेश सोनकर, बृज लाल, धर्मेन्द्र पुरोनिया, रोहित लाल, मनीष साहू, एलवी सोनी राजकुमार बरैटिया, बृजेन्द्र गौतम, श्याम सुन्दर नायक, विजय मिश्रा, अतिन, जतिन अग्रवाल, पवन कुमार, पंकज कुमार, अभिषेक वर्मा, दीपेश माहोर, क्रांति कबीर के के वर्मा, गणेशी लाल, अमित साहू, मनीष भाटिया, प्रदीप, नीरज साहू, मोंटी श्री, संगीता, खुश्बू, रंजन द्विवेदी, सुशीला गुप्ता, अमित द्विवेदी ने भी सम्बोधित किया।
सभा की अध्यक्षता अमित गुप्ता, प्राची त्रिपाठी एवं प्रमोद दुबे ने संयुक्त रूप से की एवं संचालन अशोक महावर ने किया।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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