जेएन-1 का बढ़ा खतरा

कोरोना के सब वेरिएंट जेएन-1 का बढ़ा खतरा, बरतें अतिरिक्त सावधानी

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नयी दिल्ली 21 दिसंबर । दुनिया में एक बार फिर से कोरोना का खतरा मंडराने लगा है और इस बार दुनियाभर का सिरदर्द बना है कोरोना का सब वेरिंट जेएन-1 ,  कोरोना वायरस ने म्यूटेशन के बल पर फिर से अपना रूप बदल एक नये सब वेरिएंट जेएन-1 के रूप में दुनिया में  फिर से बढ स्वास्थ्य को लेकर संकट खड़ा कर दिया है और इससे निपटने को अतिरिक्त सावधानी बरतने का समय आ गया है।

कोरोना वायरस के संक्रमण की घातक प्रवृति को लेकर दुनिया को समय से सूचित न करने को लेकर वैश्विक आलोचना का शिकार बने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)  इस बार कोरोना के नये वेरिएंट पर सर्तक नजर बनाये हुए है और इसी क्रम में नये वेरिएंट को “ वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” की संज्ञा दे दी है। इस वायरस का दुनिया में सबसे पहला केस यूरोपीय देश लक्ज़मबर्ग में मिला था और अब यह वायरस यूरोप अमेरिका से लेकर एशियाई देशों चीन, सिंगापुर और यहां तक कि भारत में भी दस्तक दे चुका है। अभी तक दुनिया के लगभग 40 देशों में इसके संक्रामित मिलने
की जानकारी सामने आ चुकी है। सिंगापुर में 56000 से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।

भारत में जे एन -1 के बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार पूरी तरह से चौकस हो गयी है और स्वास्थ्य मंत्रालय ने जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिये है। इसके अलावा इस अति गंभीर मामले पर देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ कोरोना से निपटने को तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की है।

क्या है नया वेरिएंट:

जेएन-1 कोरोना के वेरिएंट ओमीक्रॉन का एक नया सब वेरिएंट है , यहा कोरोना के पिरोला वेरिएंट बीए 2.86 का वंशज है। कोरोना वायरस की संरचना में में न्यूक्लिक मटीरियल के चारों ओर प्रोटीन है। न्यूलिक मटीरियल के अंदर होने वाले म्यूटेशंस के कारण बाहर का प्रोटीन बदल जाता है और इस तरह से वायरस के नये नये वेरिएंट निकलकर सामने आते हैं। एक बार कोरोना वायरस के बाहर आने के बाद अब दुनिया के अलग अलग हिस्सों से वायरस में बदलाव के बादे नये नये वेरिएंट और सब वेरिएंट बाहर आ रहे हैं। जे एन-1 भी कोरोना का ऐसा ही एक सब वेरिएंट है।

भारत की स्थिति:

भारत में मई 2021 के बाद कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक  614 नये मामले दर्ज किये गये हैं जिनमें से तीन की केरल में मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 21 मई 2023 के बाद अब तक  एक दिन  में संक्रमण के सर्वाधिक मामले सामने आये हैं।भारत में पहला मामला केरल में 08 दिसंबर को सामने आया था।इसके बाद कर्नाटनक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पुड्डुचेरी,  गुजरात, तेलंगाना, गोवा , दिल्ली और पंजाब में अभी तक संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।

क्या हैं लक्षण:

जेएन-1 के  लक्षण सर्दी , लगातार खांसी, जुखाम , गले में दर्द और उल्टी दस्त जैसे  हैं। देश में सर्दी के मौसम के चलते इन लक्षणों के बीच जेएन-1 के खतरे को समझना भी जरूरी है।

सावधानियां:

बड़ी उम्र के लोग (60 साल से अधिक) के लोग अपने स्वास्थ्य पर नजर रखें, ऑक्सीजर लेवल चैक करें, लेवल कम होने पर चिकित्सक से संपर्क करें।  सभी लोग भीड़ भाड वाले स्थानों पर जाने से बचें, भीड़ में मास्क का प्रयोग करें, यदि किसी को सर्दी जुखाम है तो उसकेसीधे संपर्क में आने से बचें, बच्चों का विशेष ध्यान रखें, ठंड और सर्दी जुखाम से बचाएं।

टीम वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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