mahalaxmi temple jhansi

झांसी के ऐतिहासिक महालक्ष्मीमंदिर में दीपावली पर जुटती है श्रद्धालुओं की भीड़

झांसी 17 अक्टूबर

 उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी में एक ऐसा मंदिर है जहां दीपावली के अवसर पर सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं को मेला जुटा रहता है। यह जानना रोचक है कि आखिर किस कारण से दीपावली के अवसर पर जो लोग अपने घर से बाहर निकलने से कतराते हैं तो फिर क्यों इसी पर्व पर इस मंदिर में दर्शन के लिए इतनी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

अठारहवीं शताब्दी में बना यह मंदिर ऐतिहासिक होने के साथ साथ पर्यटन के दृष्टिकोण से भी काफी महत्व रख्ता है।

 प्रभारी क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. मनोज कुमार यादव ने आज बताया कि महालक्ष्मी मंदिर प्राचीन मंदिर है। यहां हर साल विभिन्न क्षेत्रों से लोग दर्शन करने आते हैं, जिससे इस मंदिर की महत्ता का पता चलता है। मंदिर में प्रतिवर्ष दीपावली पर क्षेत्र एवं परिक्षेत्र से बहुत सारे लोग दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। साज-सज्जा और अलंकरण समस्त क्षेत्रवासियों द्वारा किया जाता है।

इस मंदिर के पर्यटन महत्व को उजागर करते हुए क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्ति ने बताया कि महालक्ष्मी मंदिर धार्मिक पर्यटन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है। दीपावली के मौके पर यहां परम्परागत तरीके से महालक्ष्मी के पूजन-अर्चन का कार्यक्रम लोग आयोजित करते हैं।

धार्मिक पर्यटन के लिहाज से यह स्थान बुंदेलखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है जहां दूर-दराज से लोग दर्शन करने आते हैं। सामान्य दिनों में भी यहां हर रोज बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। दीपावली के पर्व पर इस मंदिर में लोग सुबह से रात तक दर्शन करने के लिए उमड़ते दिखाई देते हैं। दीपावली पर मंदिर की सजावट करने के साथ ही देवी लक्ष्मी की परम्परागत तरीके से आराधना की जाती है।

 बताया जाता है कि अठारहवीं सदी में महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण कराया गया था। रानी लक्ष्मीबाई जब विवाह के बाद झांसी आईं तो वे नियमित रूप से इस मंदिर में दर्शन करने आती थीं। इस कारण इस मंदिर को रानी लक्ष्मीबाई का मंदिर भी कहा जाने लगा। प्राचीन समय से ही इस मंदिर में लक्ष्मी पूजन की परम्परा रही है।

पुरातात्विक महत्व के कारण इसे संरक्षित करने के साथ ही इसके आसपास मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया गया है। दीपावली के दिन परम्परा के मुताबिक यहां कई तरह के धार्मिक आयोजन किये जाते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है।

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