झांसी 18 अक्टूबर (वार्ता) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झांसी ने मंगलवार को स्तन कैंसर माह के अंतर्गत इको कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में पब्लिक हैल्थ एक्सपर्ट के रूप में कार्यरत डॉ सुधा शर्मा के द्वारा समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को स्तन कैंसर के बारे में बताया गया।
महिलाएं स्वंय ही करें जांच
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी(सीएमओ) डॉ. सुधाकर पाण्डेय ने बताया कि ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर महिलाओं में 35 वर्ष के बाद सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर हैI अक्सर महिलाएं एवं लड़कियां में विभिन्न तरह शारीरिक परिवर्तन होते हैं, जिस पर वह अक्सर ध्यान नहीं देती| स्तन कैंसर के केस में यदि प्रारम्भिक समय में पता लगा लिया जाये तो इसका इलाज बहुत सुगमता से किया जा सकता हैI ऐसे में जरुरी है कि सभी महिलाएं एवं लड़कियां समय समय पर अपना सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन अवश्य करते रहेंI किसी भी प्रकार की गांठ एवं स्तन के आकार में परिवर्तन महसूस होने पर अपने निकतम सीएचओ को अवश्य दिखाएँI
हर वर्ष एमोग्राफी ज़रूरी
पब्लिक हैल्थ एक्सपर्ट डॉ सुधा शर्मा ने कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से बताया कि आज के समय में हृदय रोगो के बाद कैंसर मृत्यु का एक मुख्य कारण बनता जा रहा हैI उसमें भी यदि महिलाओं की बात करें तो महिलाओं में 25 से 26 प्रतिशत केस ब्रेस्ट कैंसर के होते हैंI अगर समय पर इसका पता लगाया जाये तो इसका उपचार पूरी तरह से संभव हैIइसके साथ ही 40 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को हर वर्ष एक एमोग्राफी करना बहुत अवशयक है जिससे यदि उनमें स्तन कैंसर की संभावना है तो उसका पता लगाया जा सकेI
कैंसर के अन्य रूपों में भी जांच ज़रूरी
इसके साथ ही डॉ सुधा ने बताया कि कैंसर में स्तन के अलावा सार्विकल कैंसर यानि बच्चेदानी के मुह का कैंसर एवं ओरल कैंसर से बचने के लिए भी समय समय पर जांच अवश्य करानी चाहिएI संगोष्ठी का संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ विजयीश्री शुक्ला ने कियाI