झांसी 18 अक्टूबर । वीरांगना नगरी झांसी के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने सोमवार को सभी को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए किसानों से पराली जलाने के पर्यावरणीय कुप्रभावों को देखते हुए ऐसा न करने की अपील । उन्होंने अपने विशेष संदेश में कहा कि किसान भाई अपने खेतों में कृषि अवशेषों / अपशिष्टों (पराली) को कदापि न जलायें खेतों में कृषि अवशेषों को जलाने से मिट्टी में मौजूद लाभदायक सूक्ष्य जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरकता प्रभावित होती है।
मिट्टी की उर्वरकता प्रभावित होने से अगलीफसलों की उत्पादकता में भारी कमी हो जाती हैं इसलिये मिट्टी की उर्वरकता को बचाये रखने के लिये खेतों में पराली को कदापि न जलायें। खेतों में पराली के जलाने से भारी मात्रा में वायु में प्रदूषण फैलता है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है तथा इसका सीधा प्रभाव हमारे जन-जीवन पर भी पड़ता है।
उन्होंने पराली की समस्या से निपटने के लिए वेस्ट डीकम्पोजर के इस्तेमाल पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वेस्ट डीकम्पोजर के उपयोग से फसल के अवशेषों को खाद के रूप में परिवर्तित कर फसल की उत्पादकता को बढाया जा सकता है साथ ही अलग से खाद आदि में होने वाले व्यय को कम किया जा सकता है, जो कि कृषि विभाग द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। अतः अपनी फसलों की कटाई सदैव सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम (एसएमएस ) युक्त कम्बाईन से करायें, ताकि कटाई के साथ पराली का निस्तारण हो सके।
फसल अवशेषों को सुरक्षित रखकर शीत ऋतु में पशुओं के नीचे बिछावन के उपयोग में लाकर अपने पशुओं को भारी शीत से बचाया जा सकता है। फसल अवशेषों को अपनी निकट की गौशालाओं को 02 ट्राली पराली देकर एक ट्राली खाद प्राप्त करें।उन्होंने कहा कि इस अपील के बावजूद भी यदि कोई भी इस घटना को अंजाम देता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जायेगी।