सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र, नई दिल्ली (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) एवं लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान (संस्कृति विभाग, उत्तरप्रदेश) तथा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष में डिजिटल डिस्ट्रिक्ट रिपोजिटरी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कहानियों के संकलन के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गांधी सभागार (भूतल), में किया गया।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो सुनील काबिया तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में हरगोविंद कुशवाहा , उपाध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ, अतुल द्विवेदी, निदेशक, लोक एवम जनजाति कला एवम संस्कृति संस्थान (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) , लखनऊ, डॉ देव तनेजा सी.सी.आर.टी. दिल्ली, वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली, डॉ सुमेध थारो, प्रो पुनीत बिसारिया, कार्यशाला संयोजक डॉ मुहम्मद नईम, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर डॉ मुकेश कुमार और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी परिसर एवं संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों, शोधार्थियों सहित ललितपुर, महोबा, जालौन, हमीरपुर, चित्रकूट तथा बांदा से इतिहास लेखन में रुचि रखने वाले प्राध्यापक, शोध छात्र तथा विभिन्न क्षेत्रों के संस्कृतिकर्मियों ने भाग लिया ।
कार्यशाला में, गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियो, ऐतिहासिक स्थानों आदि के बारे लिखने का प्रशिक्षण दिया गया व कहानी लेखन के लिए प्रेरित किया गया । प्रतिभागियों ने अप्रैल, 2023 तक 500 कहानियों को लिखने का लक्ष्य रखा है ।
मुख्य प्रशिक्षक डॉ देव तनेजा ने विस्तारपूर्वक कहानी लिखने के संबंध में तकनीकी जानकारियां दी । प्रो सुनील काबिया ने छात्रों को हर संभव मदद देने का कार्यशाला में आश्वासन दिया ।
संस्कृति मंत्रालय केंद्र सरकार की तरफ से सफलतापूर्वक कहानी अपलोड होने वाली प्रत्येक स्टोरी का रुपए दो हजार का मानदेय दिया जाएगा । कार्यशाला में 110 प्रतिभागियों ने भाग लिया l कार्यशाला में डॉ सुमेध थारो का जर्नल एंसियंट बुधिज्म का भी विमोचन किया गया l
कार्यशाला का संचालन डॉ मुहम्मद नईम ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ मुकेश कुमार ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में निदेशक डा अतुल द्विवेदी ने सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया तथा कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन