क्या आने वाला समय फिर से होगा भारत का ?????
नयी दिल्ली 13 फरवरी । क्या इन सवालों ने आपको भी एक बार सोच में डाल दिया। जी हां अगर डाल दिया तो स्वभाविक ही है क्योंकि सोना है ही ऐसा शब्द जिसे लेकर पूरी दुनिया और भारत में तो जन सामान्य के बीच भी इसे लेकर उत्सुकता कुछ विशेष ही देखने को मिलती है।
इस बार जिस सोने की चिड़िया बनने की बात भारत के लिए की जा रही है उस सोने का रंग पीला न होकर “ सफेद ” होगा। यह सफेद सोना है “ लीथियम” और इसी सफेद सोने के जी-3 प्रकार के बडे भंडार हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में पाये जाने की जानकारी खान मंत्रालय भारत सरकार के सचिव विवेक भारद्वाज ने ट्वीट कर दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट मे बताया कि यह पहली बार है जब देश में लीथियम के भंडार खोजे गये हैं।इस खोज के कारण अब सोलर पैनल,क्रिटिकल मिनरल और जहां अन्य जरूरत है उन क्षेत्रों में देश आत्मनिर्भर हो जायेगा।
अगर जीएसआई के सर्वेक्षण में दूसरे चरण जी-3 के आगे के चरणों जी-2 और जी-1 में यह भंडारण इतना ही पाया गया तो आज के समय लीथियम का पूरी तरह से आयात करने वाला हमारा देश लीथियम का निर्यातक बन जायेगा।
लीथियम बहुत मंहगी धातु है। जीएसआई ने 51 खनिजों के ब्लॉक्स की रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी है। हर साल की तरह इस साल भी सेंट्रल ज्योलॉजिकल प्राग्रामिंग बोर्ड की बैठक में देश के 11 राज्यों में अलग अलग प्रकार के खनिजों के पाये जाने की जानकारी है।
क्या है उपयोगिता
इस धातु की कीमत इस समय 57़ 36 लाख रूपये प्रति टन है। अगर देश में मिले 59 लाख टन लीथियम की आज की कीमत की बात करें तो यह तीन हजार 384 अरब रूपये का है। इस कीमत से ही इस धातु को “ सफेद सोना” कहे जाने का औचित्य साफ है।
लिथियम, का इस्तेमाल,मोबाइल, लैपटॉप, गाडियों, बस, , कैमरा, ब्लूटूथ या कोई भी बैट्री से चलने वाला यंत्र है तो उसमें लीथियम की बैट्री का इस्तेमाल किया जाता है। आज संचार और तकनीक का युग है । बिजली काे संचित करने के कारण जिन भी चीजों में बैट्री का इस्तेमाल होता है उनमें लीथियम बैट्री लगी होती है और इसी जबरदस्त उपयोगिता के कारण आज के युग में लीथियम को “ सफेद सोना” कहा जाता है।
संभव है खनिज ईंधन का विकल्प
इस उपयोगिता के कारण डीजल और पेट्रोल के स्थान पर वाहनों में लीथियम बैट्री का इस्तेमाल कर इलेक्ट्रिक कारों तथा अन्य परिवहन साधनों में इसके इस्तेमाल की संभावना भी जबरदस्त है अगर यह भंडारण इतना ही मिलता है तो भारत इलैक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़कर पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता पूरी तरह से खत्म कर सकता है। यह भविष्य का ईंधन होेने जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगर यह भंडारण मिल जाए तो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लीथियम आयतक भारत न केवल आयात से बच जायेगा बल्कि संभव है कि निर्यात भी देश से शुरू हो जाएं।
डेस्क
बुंदेलखंड कनेक्शन