लखनऊ। रंगो के त्योहार होली पर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रशासन को शांतिपूर्ण माहौल बनाये रखने को लेकर दिये गये स्पष्ट निर्देशों और लगभग हर जिले में इसको लेकर प्रशासन की ओर से की गयी कड़ी तैयारियों के चलते त्योहार लगभग शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया लेकिन उत्तर भारत के ही बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड और पंजाब में हिंसा की खबरे आयीं हैं।
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने रमजान के पवित्र माह के शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के दिन ही होली का त्योहार पड़ने के कारण प्रशासन को काफी पहले से ही न केवल विशेष सावधानी बरतने बल्कि विशेष तैयारियां करने के भी निर्देश दिये। सभी जिलों में पुलिस प्रशासन ने चाक चौबंद तैयारियां की । संभल में हाल ही में हुई हिंसा के मद्देनजर वहां पुलिस प्रशासन विशेष रूप से अलर्ट पर रहा। सभी जिलों में पुलिस प्रशासन ने दोनों धर्मों के लोगों से वार्ता कर त्योहार पर शांति बनाये रखने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किये। इतना ही नहीं हर परिस्थिति से निपटने की पूरी तैयारी भी की।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई जिलों में नमाज का समय बदला गया।जिन कुछ स्थानों पर थोड़ी बहुत हिंसा हुई भी तो प्रशासन ने इस कुशलता और तत्परता से स्थिति को संभाला कि हालात दिन में कभी भी बेकाबू नहीं हो पाये।
इस सभी सतर्कताओ के चलते पूरे प्रदेश भर में होली और जुम्मे की नमाज दोनों ही शांतिपूर्ण तरीके से निपटायी गयी जबकि बिहार, पश्चिम बंगाल ,झारखंड और पंजाब में हालात ठीक नहीं रहे और त्योहारों पर हिंसा और पथराव देखने को मिला।
इस सभी सतर्कताओ के चलते पूरे प्रदेश भर में होली और जुम्मे की नमाज दोनों ही शांतिपूर्ण तरीके से निपटायी गयी जबकि बिहार, पश्चिम बंगाल ,झारखंड और पंजाब में हालात ठीक नहीं रहे और त्योहारों पर हिंसा और पथराव देखने को मिला।
बिहार के पटना और मुंगेर में तो भड़की हिंसा में पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया। मुंगेर में तो हिंसा रोकने और लोगों को समझाने पहुंचे एएसआई संतोष कुमार पर लोगों ने जानलेवा हमला किया और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। पंजाब में दो समुदायों के बीच भिड़ंत में पत्थर के साथ साथ शीशे की बोतलें भी फेंकी गयी। पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम में मंदिर के अंदर घुसकर मूर्तियां तोड़ी गयी और हालात इतने बिगड़े की इंटरनेट सेवा ही बंद करनी पड़ी।
इन राज्यों में भड़की हिंसा साफ बताती है कि त्योहारों को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए वहां राज्यों में शासन प्रशासन ने उस स्तर की तैयारियां नहीं की थीं जिसका परिणाम त्योहार के दिन हिंसा के रूप में सामने आया।
इन राज्यों में भड़की हिंसा साफ बताती है कि त्योहारों को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए वहां राज्यों में शासन प्रशासन ने उस स्तर की तैयारियां नहीं की थीं जिसका परिणाम त्योहार के दिन हिंसा के रूप में सामने आया।
उत्तर प्रदेश के इतिहास से उलट इस बार शासन और पुलिस प्रशासन के सख्त और स्पष्ट रूख ने त्योहार को न केवल शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने में सफलता हासिल की बल्कि दूसरे राज्यों के समक्ष एक उदाहरण भी पेश किया कि समय रहते प्रभावी प्रबंधन से स्थितियों को किस तरह से नियंत्रण में रखा जाता है।
टीम, वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन