ऑनलाइन सेमिनार

डायबिटीज से बचने के लये सतर्कता जरुरी: डा. के.पी. सिंह

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झाँसी 28 जनवरी। भारत सरकार व उ.प्र. सरकार के संयुक्त प्रयासों से आयुष्मान भारत के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं के व्यापक सुधार हेतु संचालित हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर तैनात सी.एच.ओ. के ज्ञानवर्धन के लिये ईको प्लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया।

सेमिनार में जिला चिकित्सालय झाँसी फिजिशियन डा. के.पी. सिंह ने बताया :

 डायबिटीज भारत में अब काफी आम होता जा रहा है. भारत के अधिकतर घरों में डायबिटीज के मरीज मिल रहे हैं और कई मौत का कारण भी डायबिटीज बना है. भारत में लगातार बढ़ रही डायबिटीज के मरीजों की संख्या बताती है कि डायबिटीज किस तरह से भारत में पांव पसार रहा है. डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट बताती है कि साल 1980 के दौरान दुनिया में 108 मिलियन मरीज डायबिटीज के थे, लेकिन 2014 में यह संख्या 422 मिलियन हो गई थी। डायबिटीज की वजह से शरीर के कई हिस्सों पर असर पड़ता है और कई बार ये मौत का कारण बनते हैं। 2019 में करीब 20 लाख लोगों की मौत का कारण डायबिटीज था। इनकी रोकथाम हेतु आम जनमानस में जागरुकता व निवारण के उपायों पर चर्चा किया जाना आवश्यक है।
विषय विशेषज्ञ डा. सिहं ने यह भी बताया कि डायबिटीज के मरीजों के मामले में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है. भारत में हर 11 लोगों में से एक शख्स को डायबिटीज है। इससे निपटने के लिये लोगों को अपनी लाइफ स्टाइल को सुधारना होगा तथा समय से स्क्रनिंग कराकर प्री-डायबिटिक स्टेज में होने की जानकारी जल्द से जल्द लेनी होगी तभी डायबिटिक होने से बचा जा सकेगा।
सेमिनार के मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक डा. आर.के. सोनी ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों की खोज के लिये प्रत्येक वर्ष एक अभियान चलाया जाता है जिसमें सी.एच.ओ. द्वारा सभी के टेस्ट कराकर स्क्रनिंग करायी जाती है। इस कार्य में सी.एच.ओ. अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सेमिनार में सम्बोधित करते हुये मण्डलीय परियोजना प्रबंधक, एन.एच.एम. आनंद चौबे ने बताया कि झाँसी मण्डल के सभी हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर डायबिटीज परीक्षण की व्यवस्था उपलब्ध है इस हेतु वहाँ तैनात सी.एच.ओ. डायबिटीज संबंधी समस्याओं की पहचान कर उपचार का प्रबंध करते हैं साथ ही निरंतर मरीज को फॉलोअप सेवाएँ भी दी जाती हैं। इसके साथ ही डायबिटीज संबंधी विशिष्ट समस्याओं के लिये ऑनलाइन ओ.पी.डी. के माध्यम से विशेषज्ञों से परामर्श की व्यवस्था भी की गयी है ताकि ग्रामीण स्तर पर लोगों को आसानी से ये सेवाएं मिल सकें।
डा. के.पी. सिंह ने सेमिनार के दौरान सी.एच.ओ. को डायबिटीज के एच.डब्लू.सी. के स्तर पर उपचार के टिप्स दिये। सेमिनार के दौरान अनेक सी.एच.ओ. रिचा, निकिता, देवेन्द्र आदि ने प्रश्नों के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया।
सेमिनार के दौरान मण्डल के डा. राजेश पटेल, मो. अतीब खाँन, धीरज सिंह चौहान आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में झाँसी, जालौन व ललितपुर के लगभग 200 से अधिक सी.एच.ओ. ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डी.सी.पी.एम. प्रशांत वर्मा ने किया।

*डायबिटिज से बचने के लिये यह भी जाने*

  •  आयु 30 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग नियमित जाँच करायें
  •  अधिक वजन के लोगों के लिये अधिक खतरा- बीएमआई 23 किग्रा / एम 2 से अधिक न होने दें
  • शारीरिक रूप से निष्क्रिय न रहे नियमित व्यायाम करें
  •  रक्त चाप को नियंत्रित रखें व तनाव से बचें
  •  फास्टिंग ग्लूकोज व ग्लूकोज टालरेन्स की जाँच कराते रहें
  •  ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य रखें
  •  गर्भावस्था के दौरान मधुमेह (जी.डी.एम.) की जाँच अवश्य करायें

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