झांसी-कृषि-विश्वविद्यालय

झांसी कृषि विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर विविध कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

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झांसी। बुंदेलखंड के झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा किया गया। यह आयोजन 30 मई से आरंभ होकर 5 जून को संगोष्ठी, पौधरोपण एवं पोस्टर  प्रदर्शनी के साथ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह, मुख्य वन संरक्षक डॉ. महावीर कौजान्लगी  तथा एयर पॉल्यूशन एंड क्लाइमेट चेंज के प्रोफेसर डॉ. रविकांत पाठक गौटेनबरग यूनिवर्सिटी, स्वीडन द्वारा विश्वविद्यालय में करंज के पौधे लगाकर किया गया।
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 कुलपति डॉ. सिंह ने कहा  “इस वर्ष की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण एवं अपशिष्ट प्रबंधन’ वैश्विक चिंता का विषय है। प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में, पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। हमें ‘सिंगल यूज़ प्लास्टिक’ के उपयोग को सीमित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों के मद्देनज़र कृषि की योजना और जीवनशैली में बदलाव समय की मांग है।”
डॉ. कौजान्लगी ने कहा कि “गंगा दशहरा और विश्व पर्यावरण दिवस एक साथ पड़ना इस दिवस को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है। उत्तर प्रदेश सरकार की ‘पेड़ बचाओ, पेड़ लगाओ’ मुहिम को जन-जन तक पहुंचाना होगा। साथ ही उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग, मिट्टी की उर्वरता, जल-प्रदूषण, मेडिकल वेस्ट और प्लास्टिक वेस्ट जैसे मुद्दों पर गहराई से चर्चा की।” उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र की जलवायु को ध्यान में रखते हुए २.५ करोड पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है।
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 गौटनबरग विश्वविद्यालय  स्वीडन से पधारे जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ डॉ. रविकांत पाठक ने ‘पांच तत्व – भूमि, जल, वायु, अग्नि, आकाश’ पर आधारित भारतीय दर्शन और पर्यावरणीय संतुलन पर गहन व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि “शहरीकरण, लालच और सुविधाओं की दौड़ ने धरती मां को विषाक्त कर दिया है। पर्यावरण का संरक्षण केवल अभियान नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक नैतिक जिम्मेदारी है।”
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 सह अधिष्ठाता डॉ. एमजे डोबरियाल  ने प्लास्टिक प्रदूषण को गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि “प्लास्टिक ने जहां जीवन को सरल बनाया है वहीं यह धरती के लिए एक अभिशाप बन चुका है। विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य जन-जागरूकता बढ़ाना और पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रेरित करना है।”
 इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा स्लोगन,गीत एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विजयी विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। विभागाध्यक्ष पुष्प विज्ञान डॉ. गौरव शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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