झांसी। बुंदेलखंड में झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बीयू) के हिंदी विभाग में प्रसिद्ध साहित्यकार वृंदावनलाल वर्मा की जयंती पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर मुन्ना तिवारी थे। मुख्य अतिथि तथा विभाग के अन्य शिक्षकों द्वारा वृंदावनलाल वर्मा के छायाचित्र पर माला पहनाकर एवं श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्य अतिथि ने वृंदावन लाल वर्मा को याद करते हुए कहा कि वे एक महान साहित्यकार और समाज सेवक थे। वृंदावन लाल वर्मा की रचनाएं हमें समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करती हैं। उनके उपन्यास से दुनिया को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के शौर्य और साहस के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने वीरांगना झलकारी बाई के बारे में भी किताब लिखी थी। वृंदावन वर्मा की रचनाएं आने वाले कई सदियों तक प्रासंगिक रहेंगी।
हिंदी विभाग के शिक्षक डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी ने वृंदावनलाल वर्मा के जीवन और साहित्यिक योगदान पर एक संक्षिप्त व्याख्यान दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि वृंदावनलाल वर्मा की रचनात्मक और लेखन शैली से सभी को सीखना चाहिए। उनकी रचनाओं को पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित किया गया है।
कार्यक्रम में विभिन्न विद्वानों ने भी वृंदावन लाल वर्मा के साहित्यिक योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर अतर्रा पीजी कॉलेज के राजनीति शास्त्र विषय के संयोजक राजीव द्विवेदी, नवीनचंद पटेल, डॉ.पुनीत श्रीवास्तव, डॉ. प्रेमलता श्रीवास्तव, डॉ. द्युति मालिनी, आकांक्षा, गरिमा, ऋचा, डॉ. रेनू शर्मा, कपिल शर्मा, डॉ. जोगिंदर, डॉ. आशुतोष, डॉ. रामनरेश समेत कई छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।