ई -कॉमर्स पर नहीं बनी स्पष्ट नीति तो आगामी चुनाव में व्यपारी दिखायेंगे दम
झांसी 28 दिसंबर। देश में व्यापारियों के सबसे बडे संगठन काँफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने ई-कॉमर्स को लेकर व्यापारी वर्ग की समस्याओं पर सरकार की स्पष्ट नीति के अभाव में व्यपारियों की कड़ी नाराजगी को खुले शब्दों में बयान करते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा कि देश में छोटे व्यापारियों को तबाह कर रही विदेशी कंपनियों पर नकेल कसने के लिए अगर सरकार ने स्पष्ट नीति नहीं बनायी तो आगामी चुनावों में व्यापारी अपनी ताकत दिखायेंगे।
यहां एक स्थानीय होटल में कैट के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन में ई-कॉमर्स को लेकर देश भर में व्यापारियों के चौपट हो रहे कारोबार और इस मामले में सरकार के कोई स्पष्ट रूख साफ नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जतायी। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री खंडेलवाल ने कहा “ यदि देश में अब वोट बैंक की भाषा ही समझ आती है तो व्यापारी के पास क्या विकल्प है। आज 75 साल से व्यापारी समस्याओं से जूझ रहा है और कोई सुनने वाला नहीं है। दूसरी ओर स्पष्ट ई कॉमर्स नीति नहीं होने के कारण विदेशी कंपनिया देश के व्यापारियों विशेष रूप से छोटे व्यापारियों को तबाह कर रहीं हैं। ऐसे मे सरकार को इस मामले में स्पष्ट नीति बनाकर व्यापारियों के हितों की रक्षा करनी होगी ”
उन्होंने कहा “ अगर सरकार ऐसा नहीं करती है और देश में वोट की बात ही समझ में आती है तो देश का पूरा व्यापारी एक बड़ा वोट बैंक है जो आगामी चुनावाें और 2024 के लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर एक बड़े वोट बैंक के रूप में विचार करेगा कि उसे किसका समर्थन करना है। ”
नहीं चलेंगे दोहरे मापदंड
सरकार की एफडीआई नीति का विदेशी व्यापारी खुला उल्लंघन करने में लगीं हैं और अगर किसी देश के व्यापारी से अनजाने में कोई छोटी से गलती भी हो जाती है तो प्रशासन उसके पीछे पड़ जाता है। कानून में दोहरे मापदंड पर उन्होंने सख्त आपत्ति दर्ज करायी।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारी वर्ग सरकार की इन लचर नीतियों से आजिज आ चुका है और अब कैट के नेतृत्व में 01 जनवरी से 31 मार्च 2023 के बीच तीन माह तक सघन राष्ट्रीय अभियान शुरू करने जा रहा है। इस अभियान के तहत 01-07 जनवरी के बीच केंद्रीय वाणिज्य मंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक लाख से अधिक ई-मेल कर विदेशी कंपनियों के ई कॉमर्स के जरिए देश के व्यापारिक समुदाय के सामने खड़े किये जा रहे संकट की जानकारी दी जायेगी। देश के व्यापारी 10 जनवरी को “ विषाक्त ई कॉमर्स मुक्त दिवस” के रूप में मनायेंगे।
देश भर के व्यापारी 20 जनवरी को पूरे देश में एक हजार से अधिक स्थानों पर एक दिन की भूख हडताल करेगे। फरवरी में सभी राज्याें के व्यापारी संगठन अपने अपने शहरों में रैलियों का आयोजन करेंगे और मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों साथ ही केंद्र सरकार के मंत्रियों व विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को ज्ञापन सौपेंगे। अप्रैल 2023 में तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन नयी दिल्ली में आयेाजित किया जायेगा । इसके बाद भी सरकार ने कुछ नहीं किया तो भारत बंद का आयोजन किया जायेगा।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी ने कहा कि विदेशी कंपनियां लगातार संदिग्ध व्यापारिक गतिविधियों में लिप्त हैं लेकिन कई राज्यों ने इसके बावजूद इन कंपनियों के साथ समझौते किये हुए हैं। इन समझौतों से राज्य या देश को क्या लाभ है यह किसी ने नहीं बताया है1उन्होंने स्थानीय व्यापार के सशक्तीकरण, करों के सरलीकरण और व्यापार को आसान बनाने वाली नीतियां बनाने की मांग की।कैट के पदाधिकारियों ने साफ किया कि अगर सरकार ई काॅमर्स को लेकर स्पष्ट नीति नहीं बनाती है तो 2023 में विभिन्न राज्यों में होने जा रहे चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव में व्यापारी तय करेंगे कि उन्हें किसका साथ देना है1
इस दौरान कैट की राष्ट्रीय महिला समन्वयक पूर्णिमा शिरेपकर जलगांव और संगीता पाटिल के साथ कैट के दिल्ली प्रदेश के उपाध्यक्ष रणजीत खारी भी उपस्थित रहे।
वैभव सिंह