झांसी 27 नवंबर । बुंदेलखंड के झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बीयू) में भारतीय हिंदी परिषद का 47वां अधिवेशन एवं भारतीय ज्ञान परंपरा और हिंदी विषयक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में 29 नवंबर से 01 दिसंबर के बीच होने जा रहा है
इस संबंध में आज पत्रकारों को जानकारी देते हुए अधिवेशन और संगोष्ठी के संयोजक प्रो़ मुन्ना तिवारी ने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाली इस संगोष्ठी का आयोजन भारतीय हिंदी परिषद, प्रयागराज एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया जायेगा। अधिवेशन का उद्घाटन हृदय नारायण दीक्षित, पूर्व अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश विधानसभा के मुख्य आतिथ्य और प्रो. मुकेश पाण्डेय कुलपति, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विशिष्ट आतिथ्य में होगा। अधिवेशन की अध्यक्षता भारतीय हिंदी परिषद, प्रयागराज के अध्यक्ष प्रो. पवन अग्रवाल करेंगे।अधिवेशन में हिंदी भाषा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
इनके साथ ही डॉ रवींद्र शुक्ला, साहित्यकार एवं पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री, उ.प्र. शासन, डॉ हरगोविंद कुशवाहा, राज्यमंत्री एवं उपाध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, उ.प्र. शासन, श्री राजा बुंदेला, फिल्म अभिनेता और निर्देशक, पंडित दीपेन्द्र अरजरिया, प्रख्यात गणितज्ञ एवं ज्योतिर्विद् को भी सम्मानित किया जाएगा।
अधिवेशन और संगोष्ठी में देशभर के 350 से अधिक हिंदी के विद्वान प्रतिभाग करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारतीय ज्ञान परंपरा और हिंदी विषय पर चर्चा की जाएगी। कुल 13 सत्रों में भारतीय ज्ञान परंपरा में हिंदी विषय पर व्यापक चर्चा की जाएगी. संगोष्ठी के दौरान हिंदी संसद भी आयोजित की जाएगी। हिन्दी संसद में हिन्दी पाठ्यक्रम संवर्धन, हिन्दी शोध उन्नयन और क्षेत्रीय भाषाओं एवं बोलियों का संवर्धन पर चर्चा की जाएगी।
संगोष्ठी के दूसरे दिन हिन्दी विभागाध्यक्ष सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसमें देश भर के 21 विश्वविद्यालयों के विभागाध्यक्ष अपने विचार साझा करेंगे एवं हिन्दी के विकास की एक संयुक्त रूपरेखा पर चर्चा करेंगे।
भारतीय हिंदी परिषद के सभापति प्रो़ पवन अग्रवाल ने बताया कि अधिवेशन के द्वितीय दिवस पर भारतीय हिंदी परिषद, प्रयागराज के आजीवन सदस्यों की आम सभा का आयोजन मध्य प्रदेश के ओरछा स्थित केशव भवन में किया जाएगा। संगोष्ठी के तीसरे दिन “साहित्यकार के आंगन में” कार्यक्रम के अंतर्गत साहित्यकारों को राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के गांव, चिरगांव का भ्रमण कराया जायेगा. अधिवेशन और संगोष्ठी के दौरान बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे द्वारा रचित नाटक कट राय प्रवीण का मंचन किया जाएगा।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन