झांसी 25 जनवरी। झांसी के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में बुंदेलखंड गौरव महोत्सव के तहत चल रहे सांस्कृतिक आयोजनों में बुधवार देर शाम देश के जाने माने लोक-फ्यूजन संगीज बैंड “ कबीर कैफे” की धुनों पर झांसीवासी मदमस्त नजर आये।
महोत्सव के दौरान दिन भर चलने वाली गतिविधियों की रफ्तार शाम को थोड़ा थमकर सांस्कृतिक संध्या के रूप में आगंतुकों को एक नया ही अनुभव दे रही है। ऐसा ही नजारा बुधवार शाम भी देखने को मिला जब एक ओर बुंदेली कलाकारों अपनी जबरदस्त प्रस्तुतियां दी तो इसके बाद प्रसिद्ध लोकगायिका संजोली पाण्डेय ने अपनी सुरीली आवाज से लोगों को मदमस्त किया। उन्होंने “ जन्म दैयो विधाता बुंदेलखंड में” गीत गाकर मौजूद पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय लोगों को भी थिरकने और उनके सुर में सुर मिलाकर गाने को मजबूर कर दिया।
जैसे स्वर लहरियों से दर्शकों पर संगीत का खुमार चढ़ने लगा वैसे वैसे एक के बाद एक अपनी प्रस्तुतियां देने आये कलाकार उनके जोश को बढाते गये। इसके बाद जाने माने बनारस घराने के देश विदेश में प्रस्तुतियां देने वाले नृतक रूद्र ने शिव तांडव और राजा राम से जुड़ी नृत्य प्रस्तुतियां अपनी टीम के साथ दी। इस टीम की भावपूर्ण प्रस्तुति को स्टेडियम में मौजूद हजारों की भीड़, सांस बांधे टकटकी लगाये देखती रही। इस बेहद प्रभावशाली नृत्य प्रस्तुति पर दर्शकों ने जमकर तालियां बजायीं।
इस समय तक पूरी तरह से संगीत के रंग में रंग चुके दर्शकों के सामने आये देश के जाने माने लोक -फ्यूजन बैंड “ कबीर कैफे”। इस बैंड ने कबीर के दोहो को आधुनिक वाद्य यंत्रों के साथ मिलाकर कुछ ऐसा रस घोला कि मौजूद दर्शक कुर्सियों से उठकर झूमते नाचते नजर आने लगे। शाम से स्टेडियम में शुरू हुआ यह संगीतमय सफर रात बढ़ने के साथ कबीर कैफे की धुनों पर और गहराता गया।मंजर कुछ ऐसा रहा कि पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के बीच कौतुहल का संचार कर रहे बैलून राइड के पास लगा लोगों का जमावड़ा भी कबीर की दोहों के आधुनिक वर्जन से सजी स्वर लहरियों के मोहपाश में बंधकर मंच के आस पास जमा हो गया।
कबीर के दोहों को आज की युवा पीढ़ी के पास उनके अंदाज में कबीर बैंड ने बखूबी पहुंचाया और जमकर वाहवाही बंटोरी । इस बैंड की स्वर लहरियों का जादू युवाओं के साथ साथ बच्चों ,महिलाओं और बड़ी उम्र के लोगों पर भी इतना जबरदस्त नजर आया कि हर कोई मुक्त कंठ से इनकी परफॉरमेंस की तारीफ करता दिखा।
इससे पहले दिन में स्फूर्तिदायक योग सत्र का आयोजन किया गया , जिसमें प्रतिभागियों के बीच तंदुरुस्ती और मानसिक शांति को मज़बूत रखने हेतु उसकी आवश्यकता और सुझाव दिये गये ।
प्रतिभागियों को प्रतिष्ठित झांसी किले के माध्यम से एक मनोरम विरासत की सैर करायी गयी और इस ऐतिहासिक किले से जुडी स्वतंत्रता संग्राम में महिला स्वतंत्रता सेनानियों की प्रमुख भूमिका को बताया गया। पर्यटकों ने महोत्सव के दौरान दिन में बेतवा नदी में रोमांचक वाटरस्पोर्ट्स में भाग लिया ।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन