स्वामी विवेकानंद की 113 वीं जयंती

बीयू और कृषि विश्वविद्यालय में मनायी गयी स्वामी विवेकानंद की 113 वीं जयंती

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झांसी। बुंदेलखंड के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बीयू) में रविवार को स्वामी विवेकानंद की 113वीं जयंती धूमधाम से मनायी गयी।
स्वामी विवेकानंद की 113 वीं जयंती
इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय में युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद किया गया। छात्र-छात्राओं ने गीत गाकर व जयघोष करके कार्यक्रम को आच्छादित किया।
स्वामी विवेकानंद की 113 वीं जयंती
 मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि इस दिन को हम सभी राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते हैं। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। कुलपति ने कहा कि हम सबको उनके विचारों का अनुसरण करना चाहिए व युवाओं को स्वामी विवेकानंद के साहित्य को पढना चाहिए। युवाओं के प्रयास, आधुनिक सोच एवं तकनीक से कृषि में भी नवाचार की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं।
निदेशक शिक्षा डॉ अनिल कुमार ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि वे युवाओं के प्रेरणास्रोत रहे हैं। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
सह निदेशक छात्र कल्याण डॉ गौरव शर्मा ने कहा कि कृषि विवि में आज से युवा सप्ताह का भी शुभारंभ किया जा रहा है। जो कि 12 से 18 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा को विस्तार से बताया।
स्वामी विवेकानंद की 113 वीं जयंती
हिन्दी विभाग बुंदेलखंड विश्वविद्यालय  में स्वामी विवेकानन्द जयंती के अवसर पुनर्कल्पित राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2025 का शुभारंभ  शिक्षकगणों  द्वारा उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर किया गया।
कार्यक्रम में विकसित भारत युवा नेता संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन दर्शन और चिंतन के विविध पहलुओं पर विद्यार्थियों  ने अपने विचार व्यक्त किए।
स्वामी विवेकानंद की 113 वीं जयंती
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. विपिन प्रसाद ने स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं और हमें इनके द्वारा दिए गए विचारों और किए गए कार्यों से प्रेरणा लेकर समाजसेवा के कार्यों में सहभागिता करनी चाहिए।
कार्यक्रम  संयोजक डॉ. श्री हरि त्रिपाठी सहायक आचार्य हिन्दी विभाग, रासेयो कार्यक्रम अधिकारी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी ने स्वामी जी के बारे में बताया कि आप वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली विद्वान थे इन्होंने भारतीय अध्यात्म को संपूर्ण विश्व में प्रवाहित किया।

वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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