झांसी 12 जनवरी । पचास हजार रुपए की मांग पूरी नहीं होने पर विवाहिता की जलाकर हत्या के मामले में आरोप सिद्ध होने पर झांसी के अपर सत्र न्यायाधीश (द्रुतगामी न्यायालय महिलाओं के विरूद्ध अपराध)फरीदा बेगम की अदालत में दहेज लोभी पति,सास, ससुर व देवर को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास एवं अर्थदंड की सज़ा सुनाई गई है।
विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पाण्डेय के अनुसार वादी मुकदमा हरिमोहन विश्वकर्मा पुत्र सुन्दर लाल विश्वकर्मा निवासी ग्राम कुदारी,तहसील कोंच, थाना कैलिया, जिला जालौन (उ०प्र०) ने कोतवाली में तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी भतीजी मंजू देवी की शादी 18 अप्रैल 2016 को पवनदेव विश्वकर्मा पुत्र राजकुमार विश्वकर्मा निवासी बड़ागांव गेट बाहर मुहल्ला डडियापुरा के साथ ग्राम कुदारी में सम्पन्न हुई थी। शादी में सामर्थ्य के अनुसार गृहस्थी का सारा दहेज का सामान तथा 2 लाख 50 हजार रुपया नकद दिया था।
शादी के कुछ दिन तक तो ससुरालियों ने ठीक से रखा, लेकिन कुछ दिनों के पश्चात् दामाद पवनदेव विश्वकर्मा, सास कलावती , ससुर राजकुमार विश्वकर्मा एवं देवर कपिल दहेज में 50 हजार रुपया कम देने की बात को लेकर मंजू को तंग व परेशान कर क्रूरता का व्यवहार मारपीट करने लगे। उसने कई बार आकर बताया कि उसका पति,सास-ससुर व देवर 50 हजार रुपया की मांग करते हैं, मना करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं लेकिन हर बार मंजू को समझा बुझाकर भेजते रहे।
दहेज लोभियों ने 05 मार्च 2017 की शाम उसके ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी जिससे वह बुरी तरह से आग से जल गयी। मंजू गर्भवती हालत में थी, लड़की को आग से जलाने में उसके पति, सास-ससुर व देवर उपरोक्त का पूरा हाथ है।उसी शाम करीब 7.30 बजे पति पवनदेव ने फोन किया कि मन्जू जल गयी है, उसकी हालत गंभीर है, उसे मेडिकल कालेज, झांसी ले जा रहे हैं। इस सूचना पर वादी मुकदमा व उसका छोटा भाई दुर्वेश लड़की की मां लीला देवी, मामा मेडिकल कालेज पहुंचे तो वहां पर मंजू व उसके ससुराल से कोई नहीं मिले।
पता चला कि वह मन्जू को ग्वालियर ले गये है। जब वह ग्वालियर पहुंचे तो अस्पताल में महिला दरोगा को मन्जू ने जलाने में पति पवनदेव विश्वकर्मा, सास श्रीमती कलावती, ससुर राजकुमार विश्वकर्मा व देवर कपिल का हाथ बताया था। इसके बाद इलाज के दौरान डॉ० राम मनोहर लोहिया अस्पताल दिल्ली में 12 मार्च 2017 को मन्जू की मृत्यु हो गयी।शिकायती पत्र के आधार पर थाना कोतवाली में अभियुक्तगण पवनदेव विश्वकर्मा , कलावती , राज कुमार विश्वकर्मा , कपिल के विरूद्ध धारा 498ए, 304 बी भा०दं०सं व दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना उपरांत पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध पवनदेव विश्वकर्मा पुत्र राज कुमार विश्वकर्मा, कलावती पत्नी राज कुमार विश्वकर्मा, राज कुमार विश्वकर्मा पुत्र अज्ञात व कपिल पुत्र राज कुमार विश्वकर्मा प्रत्येक को धारा-498ए भा०दं०सं० के अन्तर्गत 3-3 वर्ष (तीन-तीन वर्ष) के सश्रम कारावास ,दो-दो हजार रुपये अर्थदण्ड, धारा 304बी भा०दं०सं०के अन्तर्गत अपराध हेतु 7-7 वर्ष (सात-सात वर्ष) के सश्रम कारावास एवं धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत अपराध हेतु 2-2 वर्ष (दो- दो वर्ष) के सश्रम कारावास तथा पाँच-पाँच हजार रुपये अर्थदण्ड की सज़ा सुनाई गई।
वैभव सिंह