
डॉ़ शर्मा ने मुख्यतः स्वस्थ जीवन शैली और पोष्टिक आहार के फायदे बताए| इसके साथ ही अनुचित खान पान से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों जैसे नॉन कम्युनिकेबल बीमारियों डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ह्रदय रोग, कैंसर आदि के बारे में विस्तार से समझाया।
उन्होंने कहा कि युवावस्था वह समय होता है जब एक इंसान अपने जीवनभर की अच्छी सेहत की नींव रखता है। ऐसे में युवाओं को अच्छी सेहत के लिये तम्बाकू, सिगरेट, जंक फूड और मोबाइल की लत जैसे व्यसनों से बचकर अच्छे स्वास्थ्य की आदतों को अपनाना चाहिये। शारीरिक गतिविधियाँ जैसे व्यायाम, पैदल चलना व मानक के अनुसार निर्धारित बी.एम.आई. (बॉडी मास इंडेक्स) के प्रति सचेत रहते हुये पोषक तत्वों से युक्त घरेलू भोजन स्वस्थ रहने की कुंजी हैं।
शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रुप से स्वस्थ्य रहना इंसान के लिये जरुरी है। युवाओं को मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। मोबाइल व सोशल मीडिया के खतरनाक स्तर पर इस्तेमाल की लत मानसिक स्वास्थ्य के लिये गंभीर खतरों के रुप में उभर रही है, युवाओं को इसके प्रति सजग व संयमित रहने की आवश्यकता है।इसके साथ ही एक अनियमित जीवनशैली और दिनचर्या से होने वाली मानसिक बीमारियाँ जैसे मानसिक अवसाद, एंजायटी, नशीले पदार्थो के सेवन की लत,पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। साथ ही उन्होने बताया कि किस प्रकार युवा जारूकता एवं अपनी जीवन शैली में बदलाव के साथ अपना भविष्य स्वस्थ एवं सुरक्षित कर सकते हैं।
डॉ. सुधा ने बताया कि हमारा खान पान,और हमारी जीवनशैली हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित करता है। आधुनिक जमाने का खान पान हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारियों को आमंत्रित करता है जिससे हमारा वर्तमान प्रभावित हो न हो परंतु भविष्य जरूर प्रभावित जरूर होता है। अधिक जंक फूड और तैलीय पदार्थो का सेवन डायबिटीज, हाइपरटेंशन के साथ-साथ अन्य गंभीर बीमारियों को भी बढ़ावा देता है। युवाओं को चाहिए कि वह अपने खान पान पर खासा ध्यान दे,पोष्टिक आहार खाएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाए ताकि भविष्य में वह शारीरिक रूप से स्वस्थ रहे।
इसके साथ ही नशीले पदार्थो के सेवन पर बात करते हुए डॉ. सुधा ने बताया कि किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है। शराब, तंबाकू, सिगरेट यह सब भविष्य में गंभीर बीमारियों को देने के साथ-साथ वर्तमान में हमारे दिमाग पर बुरा प्रभाव डालते हैं जिससे कि व्यक्ति किसी भी कार्य को ठीक से नहीं कर पाता। युवा पीढ़ी एव बच्चियाँ भी इन नशीले पदारों के सेवन में बुरी तरह जकड़ी हुई है जो कि उनका वर्तमान एवं भविष्य दोनों ही बिगड़ता हैं।
इस दौरान बुंदेलखंड विज्ञान महोत्सव के संयोजक संजीव श्रीवास्तव, अध्यक्ष के रूप में वित्त अधिकारी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय वशी मुहम्मद, विशिष्ट अतिथि के रूप में परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर सिंह, सिफ़प्सा डीपीएम आनंद चौबे उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन एवं आभार डॉ बृजेश दीक्षित ने किया, इसके साथ ही डॉ विजय यादव तथा विश्व विद्यालय के बच्चो ने कार्यशाला में हिस्सा लिया।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन