झांसी 31 अक्टूबर । झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आयुष खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री डॉ दयाशंकर दयालु ने आज कहा कि देश को अखंड भारत बनाने का सर्वप्रथम सफल प्रयास लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया।
विश्वविद्यालय परिसर में स्थित गांधी सभागार में आयोजित संगोष्ठी में केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि आजादी के समय की विकट परिस्थितियों ,अंग्रेजी प्रशासन का दबाव एवं राजनीतिक नेतृत्व की असमंजसता के कारण भारत भूमि के एकीकरण में अनेक संकट थे। सरदार पटेल ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, नेतृत्व क्षमता, प्रशासनिक कार्य प्रणाली से वह कर दिखाया जो असंभव प्रतीत होता था। आज के युवा सरदार पटेल से राष्ट्र प्रथम की भावना को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की प्रेरणा ले सकते हैं।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ हरगोविंद कुशवाहा, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध केंद्र के उपाध्यक्ष एवं दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में धर्म, जाति, क्षेत्र,भाषा आदि अनेकों आधार पर नागरिकों को प्रलोभन दे बरगलाया जा रहा है।आम जनमानस को सरदार पटेल की तरह दृढ़ रहना पड़ेगा। राष्ट्रीय एकता दिवस इसी संकल्प का अवसर है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर रन फॉर यूनिटी के साथ ही सरदार पटेल के जीवन वृत पर अनेकों प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है। छात्र निश्चित रूप से सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा ले राष्ट्र निर्माण में सहयोग करेंगे।
स्वागत भाषण परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर ने एवं विषय की प्रस्तावना कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर एसके कटियार ने रखी। आभार वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद ने एवं संचालन प्रोफेसर पुनीत बिसारिया ने किया।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार राशि अतिथि द्वारा प्रदान की गई।
इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो सुनील काबिया, प्रो वीके सिंह डॉ ममता सिंह, डॉ शुभांगी निगम, डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ मोहम्मद नईम, डॉ अजय कुमार, गुप्ता डॉ बृजेश कुमार, सत्या चौधरी, 56 यू पी बटालियन के सूबेदार मेजर जयप्रकाश, हेमन्त चंद्रा,हवलदार कुलबीर सिंह,हवलदार संदीप सिंह, ऋतिक पटेल आदि उपस्थित रहे।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन