झांसी 27 अप्रैल। बुंदेलखंड में उद्यानिकी फसलों के उत्पादन एवं क्षेत्र को बढाने के लिए झांसी स्थित रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में एक दिवसीय चिंतन कार्यशाला का आयोजन शनिवार को किया गया।
कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह के निर्देशन में यहां विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यशाला में स्वागत संबोधन करते हुए निदेशक शोध डॉ एस के चतुर्वेदी बताया कि बुंदेलखंड में सब्जियों की खेती की अपार सम्भावनाएं हैं। बुंदेलखंड के झांसी, निवाड़ी, टीकमगढ़ जिले में हल्दी अदरक एवं अरबी की खेती वृहत स्तर पर की जाती है।
अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ मनीष श्रीवास्तव ने बुंदेलखंड में उद्यानिकी फसलो की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उद्यानिकी फसलो के भविष्य एवं विश्वविद्यालय के चल रहे शोध कार्यो के बारे में जानकारी प्रदान की ।
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी अनुशंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक डॉ टी. दामोदरन ने शुष्क जलवायु के फल जेसे बेर, आवला, बील आदि फलो की खेती की अपार सम्भावनाये है । केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी अनुशंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिको डॉ संजय कुमार सिंह ने आवला एवं बील के किस्मो के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।
भारतीय कृषि अनुशंधान संस्थान, के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अवनी कुमार सिंह ने बुंदेलखंड में सरक्षित खेती के बारे में बताया। आईएआरआई के क्षेत्रीय केंद्र पुणे के निदेशक डॉ अनिल खार ने प्याज एवं लहसुन के बारे में जानकारी दी । जिला उद्यान अधिकारी प्रशांत कुमार ने उद्यानिकी विभाग की विभिन योजनाओ के बारे में जानकारी दी ।
प्रगतिशील किसानो ने विभिन्न उद्यानिकी फसलों के विपणन से सम्बन्धी समस्याओ के बारे में अवगत करवाया । इस कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ मेजर सिंह, सदस्य कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल केंद्र सरकार ने किसानो से समूह में खेती एवं कर्षक उत्पाद सक्स्थान बना कर विभिन्न बाजारों में विपणन के लिए सलाह दी।
चिंतन कार्यशाला के दौरान गोभीवार्गीय सब्जियों के उत्पादन की उच्च प्रौद्योगिकी नामक प्रशिक्षण पुस्तिका का विमोचन किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार एवं राज्य सरकारो से आए उद्यानिकी वैज्ञानिक, विवि के सभी अधिष्ठाता, निदेशक एवं उद्यानिकी विभाग
विवि के प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ प्रियंका शर्मा तथा डॉ गौरव शर्मा एवं डॉ आरके सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया ।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन