झांसी 08 मार्च । बुंदेलखंड के झांसी स्थित रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे पांच दिवसीय प्लांट डॉक्टर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ और दौरान 30 किसानों को प्लांट डॉक्टर के रूप में तैयार किया गया ।
कुलपति डॉ़ अशोक कुमार सिंह के निर्देशन में अनुसूचित जाति के किसानों को पौधों में लगने वाली बीमारियों की पहचान, पौधे के आकार प्रकार में आने वाले अंतर की समझ, कीट रोगों को पहचानने की क्षमता विकसित करने और अपने ही स्तर पर दवा का सही अनुपात में इस्तेमाल करने आदि की क्षमताा विकसित करने के लिए प्लान्ट डॉक्टर बनाने की अनूठी संकल्पना पर पांच दिनों तक गंभीर प्रशिक्षण दिया गया। पादप रोग विज्ञान विभाग द्वारा मशरूम प्रयोगशाला उद्यमिता केंद्र में झांसी, निवाड़ी, ललितपुर, टीकमगढ़, दतिया, शिवपुरी के छः जिलों से 5-5 किसानों को चयनित कर कार्यक्रम संयोजक विभागाध्यक्ष पादप रोग विज्ञान विभाग डॉ. प्रशांत जाम्भुलकर के नेतृत्व में यह प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण उपरांत प्रशिक्षणार्थियों ने अपने – अपने प्रशिक्षण अनुभव भी अधिकारियों के समक्ष सांझा किए। अधिष्ठाता कृषि डॉ. आर के सिंह ने कहा कि आप लोगों को इसमें फसलों में लगने वाले कीटों एवं रोगों के नुकसान एवं लाभ की जानकारी तो मिल चुकी है। इस प्रशिक्षण से आप लोगों को जो भी ज्ञान प्राप्त हुआ है,उसका लाभ अपने ग्रामवासियों को अवश्य दें। कृषि विवि किसानों को 6 माह का प्रशिक्षण देकर जो प्रमाण पत्र देगा उससे किसान भाई कृषि दवा का मेडिकल स्टोर खोल सकता है। इससे किसान खेती के साथ – साथ व्यवसाय से भी जुड़ जाएगा।
निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसएस सिंह ने कहा कि खेती में किसानों की 60 प्रतिशत समस्या कीट रोग, दवा उपचार आदि की रहती है। अन्य समस्याएं 40 प्रतिशत होती हैं। इन्हीं सबको ध्यान में रखते हुए प्लांट डॉक्टर का प्रशिक्षण कृषि विवि द्वारा दिया गया। आगे विवि 200 घण्टे की पढाई किसानों को कराकर उनको कृषि क्लीनिक मेडीकल स्टोर एवं डीलर बनने का प्रमाण पत्र देगा।
अध्यक्षीय संबोधन में निदेशक शोध डॉ. एसके चतुर्वेदी ने कहा कि आज से सभी प्रशिक्षणार्थी पौध डॉक्टर हो चुके हैं। अपने घर के बाहर पौध डॉक्टर की पटिट्का भी लगाना है एवं ग्रामवासियों के खेतों पर जाकर उनके पौधों में लगने वाले रोगों से परिचय कराते हुए दवा भी आपको बतानी पड़ेगी। पौध की बीमारी देखकरआप अनुभवी हो जांयेगे। इसके साथ – साथ आपको विभिन्न किस्म की फसलों की जानकारी होना भी आवश्यक है।
सभी अतिथियों ने प्राथमिक प्रशिक्षण के सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए।
इस अवसर पर डॉ. अनीता पुयाम, डाॅ. अभिषेक शुक्ला, डॉ. वैभव सिंह, डॉ़. कुलेश्वर साहू, डॉ. सुंदर पाल, डॉ. विजय कुमार मिश्रा उपस्थित रहे। संचालन डॉ. शुभा त्रिवेदी ने एवं आभार डॉ. ऊषा ने व्यक्त किया।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन