झांसी। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि झांसी में उनकी जयंती के अवसर पर एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम “रानी झांसी की गौरव गाथा” का आयोजन होने जा रहा है ।

सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था बुन्देलखण्ड गौरव फाउंडेशन द्वारा महारानी लक्ष्मीबाई जन्मोत्सव समिति के तत्वावधान में आयोजित होने जा रहे इस कार्यक्रम के विषय में पत्रकारों को आज जानकारी देते हुए फाउंडेशन के सदस्यों द्वारा बताया गया कि यह आयोजन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की महान वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के अदम्य साहस, त्याग और मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण की स्मृति में किया जा रहा है।
कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार, 18 नवम्बर को अपराह्न 02:30 बजे से पं० दीनदयाल उपाध्याय सभागार में महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती की पूर्व संध्या पर किया जाएगा। अगले दिन बुधवार, 19 नवम्बर को प्रातः 9 बजे लक्ष्मी तालाब के बीच स्थापित महारानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।
इस अवसर पर महारानी लक्ष्मीबाई के वंशज योगेश राव नेवालकर सहित अनेक गणमान्य अतिथि, इतिहासकार, साहित्यकार, कलाकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन संघर्ष, स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान एवं शौर्यगाथा पर आधारित “रानी झांसी की गौरव गाथा” की प्रस्तुति देश के सुप्रसिद्ध किस्सागो डॉ. हिमांशु बाजपेई और डॉ. प्रज्ञा शर्मा द्वारा की जाएगी। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य झांसी की रानी के आदर्शों, त्याग, साहस और देशभक्ति की भावना को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है ताकि उनके बलिदान से राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा प्राप्त होती रहे।
बुन्देलखण्ड गौरव फाउंडेशन का मानना है कि वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई केवल झाँसी की ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की प्रेरणा हैं। उनका जीवन साहस, बलिदान और मातृभूमि के प्रति समर्पण का अमिट उदाहरण है। संस्था का यह प्रयास है कि रानी झांसी की गौरव गाथा के माध्यम से नई पीढ़ी में देशभक्ति, स्वाभिमान और सामाजिक चेतना का प्रसार हो तथा बुन्देलखण्ड की गौरवशाली सांस्कृतिक पहचान और अधिक सशक्त बने।
पत्रकार वार्ता में एड. कुमार वैभव तिवारी,रसकेन्द्र गौतम,जयकरन, राहुल कुशवाहा, अजय गौतम आदि उपस्थित रहे।
