नयी दिल्ली 03 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाने वाली गीता जयंती के अवसर पर शनिवार को देशवासियों को अनंत शुभकामनाएं दी।

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में एक श्लोक को उद्धत करते हुए कहा

“ भारतमृत सर्वस्वं विष्णोर्वक्त्राद्विनि: सृतन्।
गीता गंगोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते।। ”
“ सभीदेशवासियों को गीता जयंती की अनंत शुभकामनाएं। श्रीमद्भगवग्दीता सदियों से मानवता का मार्गदर्शन करती आयी है । अध्यात्म और जीवन दर्शन से जुड़ा यह महान ग्रंथ हर युग में पथ प्रदर्शनक बना रहेगा। ”
सनातम धर्म के अमूल्य ग्रंथों में गीता का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है जो महाभारत के समय भगवान कृष्ण ने अर्जुन के मोहपाशों को काटकर कर्म के महत्व को बताने के लिए कही थी। भगवान श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि को गीता का उपदेश दिया, जिसके बाद अर्जुन को वास्तविकता का ज्ञान हुआ और वह युद्ध के लिए खड़े हुए। इस तिथि को हर साल गीता जयंती मनाई जाती है क्योंकि इस दिन ही मनुष्य को अधंकार से ज्ञान की ओर ले जाने वाली गीता भगवान श्रीकृष्ण के मुख से संसार में आई। तब से लेकर आज तक यह श्रीमद्भागवत गीता लोगों की पथ प्रदर्शक है।
वैभव सिंह
