झांसी 11 दिसंबर। उत्तर मध्य रेलवे के झांसी रेल मंडल ने रेलवे आवासों के आउटहाउस में रहकर अधिकारियों की सेवा करने वाले लोगों को घर खाली करने का नोटिस थमा दिया है। सर्दी के मौसम में घर खाली करने के मिले आदेश के खिलाफ आज बड़ी संख्या में पीड़ित धरने पर बैठे और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य भी इनके समर्थन में आदेश के विरोध में प्रदर्शन में शामिल हुए।
बढ़ती ठंड के मौसम में सिर से छत छिन जाने का डर झेल रहे लोग आज मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के सामने उपस्थित हुए जिनमें महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल रहीं।
पीड़ितों ने बताया कि यह लोग रेलवे आवासों में बने आउटहाउसों में पिछले 40-50 साल से परिवार सहित रह रहे हैं और चार दिन पहले ही उन्हें घर खाली करने का आदेश रेलवे की ओर से दिया गया है। रेलवे आवास बंगलों के आधार पर इन लोगों ने आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड भी बनाये गये हैं और अब उन्हें अवांछित बताया जा रहा हैं।
पीड़तों ने मांग की कि उन्हें सर्दी के इस मौसम में कम से कम तीन माह का समय दिया जाएं ताकि वह अपने परिवार की कहीं और व्यवस्था कर पायें।
अपने हितों के लिए सड़क पर संघर्ष कर रहे इन लोगों के समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य भी आये। श्री जैन इन लोगों के समर्थन में धरने पर बैठे और कहा कि जब सरकार कहती है कि हर किसी के सिर पर छत हो तो फिर सर्दी के मौसम में इन लोगों को बेघर क्यों किया जा रहा है। इस आदेश से पहले इन लोगों को समय दिया जाना चाहिए था । प्रदर्शन कर रहे लोगों में कई बीमार हैं, वृद्ध हैं, गभर्वती महिलाएं छोटे बच्चे हैं और यह सब बढ़ती सर्दी के इस मौसम में घर छिन जाने के बाद क्या करेंगे, कहां रहेंगे ,इस सवाल पर रेलवे ने जरा भी विचार
नहीं किया। अचानक आदेश और फिर लगातार लोगों को घर खाली करने के लिए परेशान करना क्या दिखाता है।
कांग्रेसी नेता ने कहा कि अगर यह लोग अवांछनीय हैं तो फिर 40-50 साल से यह सब यहां क्या कर रहे हैं इन्हें पहले क्यों नहीं हटाया गया। इन आवासों के आधार पर उनके आधार, चुनाव , आयुष्मान और राशन कार्ड कैसे बना दिये गये। इन्हें उज्जवला योजना के तहत गैस के सिलेंडर किस आधार पर दिये गये।सरकार की जिम्मेदारी है घर खाली करने से पहले इन्हें नया घर बनाने या तलाशने का समय दिया जाए।
उन्होंने रेलवे प्रबंधन से प्रभावितों को पर्याप्त समय देने की मांग की साथ ही कहा कि रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर वहां इन्हे रहने का स्थायी ठिकाना दिया जाए। यदि रेल प्रशासन यह नहीं कर पा रहा है तो जिला प्रशासन को इनकी व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि सरकार का भी यह कहना है कि हर सिर पर छत होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कई अधिकारी इन लोगों से किराया भी वसूलते थे लेकिन आज अचानक इनको बेघर करने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।
श्री जैन ने कहा“ हम यह अन्याय कभी नहीं होने देंगे। जहां इन गरीबों का पसीना गिरेगा वहां हम खून बहा देंगे लेकिन इन्हें बेघर नहीं होने देंगे। अगर बुलडोजर चला तो सबसे पहले हमारे ऊपर चलेगा अगर गोली चली तो पहली गोली हमारे सीने पर चलेगी। पुलिस की पहली लाठी और गोली हम खायेंगे फिर इन तक कोई पहुंच पायेगा।”
मामले को तूल पकड़ता देख रेलवे के अधिकारियों सीनियर जीईएम आशुतोष चौरसिया, आरपीएफ कमांडेंट विवेकानंद मिश्रा ने श्री जैन संग प्रभावितों से मुलाकात की और 31 मार्च तक का समय घर खाली करने के लिए दिया। श्री जैन ने बताया कि उन्होंने आश्वासन दिया कि 31 मार्च से पहले इन लोगों से घर खाली नहीं कराये जायेंगे।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन