राष्ट्रीय लोक अदालत

झांसी जनपद में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाये गये 01 लाख से अधिक मामले

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झांसी 14 सितंबर । बुंदेलखंड के झांसी जनपद में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में  एक लाख 26 हजार 992 मामलों का निस्तारण किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सह अपर जिला जज  शरद कुमार चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आज सुबह 10 बजे से जनपद न्यायालय परिसर, झांसी एवं जनपद की सभी तहसीलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

 राष्ट्रीय लोक अदालत

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर वाहनों से संबंधित ई-चालान, आपराधिक शमनीय वाद, बैंक वसूली, भूमि अधिग्रहण, पारिवारिक और वैवाहिक मामले, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, विद्युत अधिनियम, स्टाम्प अधिनियम, श्रम अधिनियम, भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, उपभोक्ता फोरम के वाद, स्थायी लोक अदालत में लंबित वाद, नगर पालिका टैक्स वसूली, पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत चालान, दुकान एवं वाणिज्य अधिनियम के अधीन बांट माप, आयकर, वाणिज्य कर, जलकर, वन अधिनियम, सेवा संबंधी वाद, चेक बाउन्स के मामलें आदि के अन्तर्गत लंबित एक लाख 26 हजार 992 मामलों का आज निस्तारण किया गया।

इससे पहले  जिला जज और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष पदम नारायण मिश्र ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य सस्ता ,सुलभ और शीघ्र न्याय लोगों को मुहैया कराना है इसके तहत आपसी समन्वय से काफी अधिक समय से लंबित मामलों का भी निस्तारण संभव हो पाता है।

 राष्ट्रीय लोक अदालत

उन्होंने बताया कि लोक अदालत में निस्तारित किए गए मुकदमों की आगे कोई सुनवाई नहीं होती है, इससे लंबे समय से दो पक्षों के बीच चल रहा तनाव और लड़ाई दोनों त्वरित समाप्त हो जाते हैं। क्योंकि लोक अदालत में आया हुआ फैसला अंतिम होता है और इसकी आगे कोई अपील नहीं की जा सकती है इसलिए यहां आने वाले मामलों का निस्तारण हमेशा के लिए हो जाता है। इतना ही नहीं जो कोर्ट फीस भी लगती है वह भी मुव्वकिलों को वापस कर दी जाती है।

उन्होंने बताया कि लोक अदालत में निपटाए जाने वाले मामलों में दोनों ही पक्ष जीत की स्थिति में होते हैं । दोनों में से कोई भी पक्ष खुद को हारा हुआ महसूस नहीं करता इसलिए पूर्ण संतुष्टि के साथ वह मामले का निस्तारण करते हैं। इस तरह से लोगों के बीच बेहतर संबंध फिर से स्थापित हो पाए इसकी भी स्थितियां बन पाती है। लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर बहुत लंबे समय से चले आ रहे काफी पुराने मामलों का भी निस्तारण संभव हो पाता है।

वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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