हरगोविंद कुशवाहा

दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा ने बुंदेलखंड गौरव महोत्सव को लेकर उठाये गंभीर सवाल

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झांसी 25 जनवरी। उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय के तहत आने वाले अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के उपाध्यक्ष और बुंदेलखंड के इतिहास के मर्मज्ञ  हरगोविंद कुशवाहा ने झांसी में चल रहे बुंदेलखंड गौरव महोत्सव को लेकर गंभीर सवाल उठाये हैं।

दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री श्री कुशवाहा ने कहा कि प्रशासन यदि इसे बुंदेलखंड का महत्वपूर्ण महोत्सव बता रहा है तो इसका प्रचार प्रसार बहुत प्रभावी तरीके से कराया जाना जरूरी था। अयोध्या में प्रभुश्रीराम की बाल स्वरूप के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का इतना जबरदस्त प्रचार प्रसार किया गया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद रात के ढाई बजे भी लाखों श्रद्धालु मंदिर में हाथ बांधे खड़े थे लेकिन बुंदेलखंड के गौरव से जुड़े इस कार्यक्रम में पहले दिन सैंकडों की संख्या में भी भीड़ न जुट पाना गंभीर सवाल उठाता है। जब अगाजा ही फ्लॉप शो तो अंजाम कैसा होगा अंदाजा लगाया जा सकता है। यह बेहद चिंतनीय है। इतनी जल्दबाजी में किस तरह यह आयोजन किया गया ,यह  समझ से परे है।

उन्होंने कहा “ हमारे संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर जी बेहद प्रगतिशील सोच के धनी हैं और वह लगातार ऐसे कार्यक्रम कराते ही रहते हैं। हमारा संस्थान संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय के तहत  ही आता है लेकिन हमें इस कार्यक्रम को लेकर कोई जानकारी नहीं हैं। हमे इस बारे में जो भी पता चला वह समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से ही पता चला।संस्कृति विभाग या पर्यटन विभाग या प्रशासन की ओर से कोई पत्र या जानकारी हमें नहीं दी गयी, इसलिए आयोजकों या हो रहे कार्यक्रमों को लेकर हमें कोई जानकारी नही है।”

श्री कुशवाहा ने कहा कि बुंदेलखंड का गौरव महोत्सव कहे जा रहे इस आयोजन में प्रचार प्रसार की इस हद तक कमी देखी गयी कि लोगों के लिए आयोजित कार्यक्रमों में भीड़ ही नहीं जुट पायी।इस तरह तो सरकार की मंशा के विरूद्ध आयोजकों ने काम किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने जब बुंदेलखंड को चुना है और सरकार करोडों खर्च कर रही है तो यहां के कलाकारों को मंच पर महत्वपूर्ण स्थान दिया जाना जरूरी है ताकि उनकी कला को तो प्रभावी मंच मिले ही साथ ही कलाकारों का उनकी कला के प्रदर्शन का उचित पैसा भी मिले।

बुंदेलखंड के पर्यटन और इतिहास को बढ़ावा देने वाले  कार्यक्रमों को जन जन तक पहुंचाने में कहां आयोजकों की चूक रह गयी ,इसकी जांच जरूरी है। सरकार को इस बारे में संज्ञान  लेना चाहिए। हम सरकार के जिम्मेदार प्रतिनिधि होने के नाते  इस संबंध में हमारे जनप्रतिनिधियों से जानकारी लेंगे । अगर किसी ने सरकार की अवहेलना की है। जो लोग सरकार की मंशा  पर खरे नहीं उतरे हैं उनके खिलाफ एक्शन होना चाहिए।

वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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