झांसी 29 अक्टूबर । झांसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने झांसी किले में होने वाले लाइट एंड साउंड शो के समय के बदलाव किया है
दी गयी जानकारी के अनुसार एक नंवबर से शाम का पहला शो शाम साढ़े छह बजे शुरू होगा और दूसरा शो साढे सात बजे से किया जायेगा।
झांसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 20 स्थलों पर स्थापित की गई आउट डोर डिजीटल साइन बोर्ड्स पर विज्ञापन चलाये जाने हेतु मै़ विष्णु कुमार शुक्ला को मासिक शुल्क के आधार पर किराये पर दी गई थी। मै़ विष्णु कुमार शुक्ला द्वारा एक किश्त व विद्युत देयकों को जमा न करने पर कई नोटिस निर्गत करने के बावजूद भी उनके द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई जिसके उपरान्त झाँसी स्मार्ट सिटी लि0 द्वारा मे0 विष्णु कुमार शुक्ला को ब्लैक लिस्ट किये जाने की कार्यवाही की गई है।
नगर निगम, झांसी सीमान्तर्गत स्थित पहुंज नदी में मिलने वाले 04 नालों (शिवपुरी रोड स्थित सब्जी मण्डी के समीप से निकलने वाला नाला, आल्हाघाट के पास नाला, शिवपुरी-ग्वालियर रोड एच.एच.-27 पर पीताम्बरा मैरिज गार्डन के पास, शिवपुरी-ग्वालियर रोड पर हनुमान मन्दिर के पास नाला) का गन्दा पानी पहुंज नदी को प्रदूषित कर रहे है। एनजीटी के निर्देशों के अनुक्रम में नगर निगम झाँसी द्वारा इन नालों पर बायोरेमिडियेशन/ फाइटोरेमिडियेशन (जैव उपचारण) के कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है, जिसमें से प्रथम चरण में एक नाला जो शिवपुरी-ग्वालियर एच.एच.-27 पर पीताम्बरा मैरिज गार्डन के पास से गुजर रहा है, पर बायो/फाइटोरेमिडियेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसका नगर आयुक्त द्वारा आज स्थलीय निरीक्षण किया गया।
मौके पर उपस्थित फर्म के डायरेक्टर द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त नाले पर बायो/फाइटोरेमिडियेशन का कार्य के अन्तर्गत नालोें पर लगभग 125 मीटर की लम्बाई में खास किस्म के पौधे लगाये गये है एवं इसके साथ पानी में बायो एनजाइम्स भी मिश्रित किया जा रहा है, जो नाले में बहने वाले हानिकारण कैमिकल्स, तैलीय किस्म की चीजें एवं ग्रीस आदि को सोख लेते है ताकि पानी हानिकारक न रहे। इससे पानी का ऑक्सीजन लेविल बढ़ जाता है और पहुंज नदी को मैला होने से रोका जा सकेगा। इसके चलते पर्यावरण पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। फाइटोरेमिडियेशन से नालों से मिलने वाले साफ पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए भी उपयोग में किया जा सकेगा। नगर आयुक्त जी द्वारा मौके पर नाले से प्रारम्भिक प्वाइंट पर गन्दे पानी एवं अन्तिम प्वांइन्ट पर प्रोसिस हुए पानी का सैम्पिल लिया गया, जिसमें काफी अन्तर पाया गया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये गये कि दोनों सैम्पिल का लैब से परीक्षण करा लिया जाये। मौके पर कार्य सन्तोषजनक होते पाया गया। शेष 03 नालों पर बायो/फाइटोरेमिडियेशन कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये गये।