झांसी 23 सितंबर ।उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर विभिन्न दुग्ध संघों के बढ़ते घाटे से परेशान सरकार को इनको प्राइवेट कंपनियों को लीज़ पर देने का फैसला करना पड़ा है वहीं दूसरी ओर झांसी के नवनिर्वाचित सभापति प्रदीप सरावगी के कुशल नेतृत्व में झांसी के दुग्ध संघ का घाटा इनके पदभार ग्रहण करने के मात्र तीन माह बाद ही 13 लाख से घटकर 04 लाख पर आ गया है।
पराग दुग्ध संघ झांसी मंडल के सभापति प्रदीप सरावगी ने ” बुंदेलखंड कनेक्शन ” से खास बातचीत में इस अभूतपूर्व सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जब उन्हें 19 मई 2023 को झांसी दुग्ध संघ का सभापति निर्वाचित किया गया तो उस समय उन्हें एहसास नहीं था कि इस दुग्ध संघ में इतनी अधिक गड़बड़ियां हैं। उन्होंने प्रदेश विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह की मौजूदगी में पदभार ग्रहण किया।
पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने बारीकी से दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली को समझना शुरू किया। श्री सरावगी ने बताया कि इस पूरे तंत्र को देखने और इसकी कार्यशैली को समझने के बाद उन्होंने सिस्टमगत खामियों पर काम करना शुरू किया। उन्होंने सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रभावी तरीके से लगाम लगायी और कर्मचारियों की लापरवाह कार्यशैली में बदलाव के लिए काम किया साथ ही और भी तमाम तरह की खामियों पर लगाम लगाने का काम शुरू किया।
श्री सरावगी ने बताया कि इन सभी सुधारों ने धीरे धीरे रंग दिखाना शुरू किया और संघ के विशालकाय घाटे में कमी दिखायी देने लगी। इन सकारात्मक परिणामों से उनका विश्वास और मजबूत हुआ और उन्होंने सुधारों को अगले स्तर तक बढ़ा दिया। लगातार सुधार करने ,कर्मचारियों की कार्यशैली पर सतत नजर बनाये रखने से परिणाम की दर काफी तेज हो गयी और 19 मई को उनके पदभार ग्रहण करने के दौरान जो घाटा 12.97 लाख था वह 23 अगस्त तक घटकर मात्र 04.03 लाख रह गया।
श्री सरावगी ने बताया कि घाटे पर लगाम कसने की यह उपलब्धि इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है कि इस दौरान दुग्ध संघ से होने वाले दूध की खरीद या बिक्री में कोई इजाफा नहीं हुआ और न ही सरकार की ओर से संघ को किसी तरह का अनुदान दिया गया ,मात्र उनके प्रयासों सेकिये गये सिस्टमगत सतत सुधार के परिणामस्वरूप ही वह झांसी दुग्ध संघ को घाटे के मकडजाल में बाहर निकालने में कामयाब रहे।अब दुग्ध उत्पादकों को भी उनके दूध का अधिकतम मूल्य मिलने लगा है।
पराग दुग्ध संघ झांसी मंडल के सभापति ने बताया कि हाल ही में दुग्ध संघ की प्रथम कार्यकारिणी बैठक में 01 अप्रैल से लेकर 30 अगस्त तक की प्रगति रिपोर्ट पेश की गयी जिसमें बताया गया कि दुग्ध संघ के घाटे को पाटने का काम किस तेजी और निरंतरता के साथ किया जा रहा है।
श्री सरावगी ने संघ को लेकर अपनी आगे की रणनीति के बारे में बताया कि उन्होंने दुग्ध संघ द्वारा लिए जाने वाले दूध की गुणवत्ता भी उच्च होने के लिए काम शुरू किया और इसी का नतीजा है कि संघ उच्च गुणवत्ता घी बनाने का काम फिर से शुरू कर दिया है। अपने उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता का दूध, घी और दूध से बने पदार्थ मुहैया कराने के लिए वह पूरी गंभीरता के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पराग के पॉलीपैक दूध की वैधता 24 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे किये जाने को लेकर भी वह लगातार प्रयास कर रहे हैं।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन