झांसी 07 नवंबर। शासन के निर्देश और प्रशासन के सहयोग से झांसी जनपद में पराली की समस्या से निपटने के लिए किसानों को इसके बदले गोबर की खाद मुहैया करायी जा रही है । किसान गोबर की खाद का इस्तेमाल कर ऑर्गेनिक खेती को भी संभव बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
झांसी के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि जनपद में जिन क्षेत्रों में पराली की उपलब्धता अधिक है, वहां पंचायत राज विभाग की मदद से गोशालाओं के लिए पराली ली जा रही है। अभी चिरगांव में 450 क्विंटल पराली ली गयी है। जहां भी आवश्यकता होगी, गोशालाओं के लिए किसानों से पराली का संग्रह किया जाएगा। एक ट्राॅली पराली के एवज में किसान को दो ट्रॉली गोबर का खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। कुछ किसान मुफ्त में भी पराली गोशालाओं को दे जा रहे हैं।
पराली की समस्या से निपटने के लिए योगी सरकार ने कई तरह के कदम उठाये हैं। ऐसे में झांसी में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। पराली की खपत प्रमुख रूप से गोशालाओं में हो रही है और इसके एवज में किसानों को गोबर की खाद उपलब्ध कराई जा रही है। पंचायत स्तर पर गोशालाओं की जरूरत के मुताबिक किसानों से पराली ली जा रही है। इसके अलावा जनपद के टहरौली में पराली पर आधारित बॉयो कोल प्लांट की स्थापना का भी काम चल रहा है, जिससे काफी क्षेत्र के किसानों की पराली का यहां उपयोग हो सकेगा। पराली प्रबंधन के लिए कई अन्य तरह के प्रयास भी किये जा रहे हैं, जिसके माध्यम से पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में सफलता मिली है।
झांसी में जिन क्षेत्रों में पराली की उपलब्धता है, वहां पंचायतों के माध्यम से गोशालाओं के लिए पराली संग्रह पर जोर दिया जा रहा है। जिन एजेंसियों को गोशालाओं के लिए भूसा सप्लाई का काम मिला हुआ है, उनके माध्यम से भी प्रयास हो रहे हैं कि स्थानीय किसानों की पराली का उपयोग किया जा सके।
पराली जलाने से रोकने के लिए एक ख़ास तरह का डिकम्पोजर किट जिले भर में किसानों को वितरित किया जा रहा है, जिससे खेतों में पराली को सड़ाकर उसे खाद में तब्दील किया जा सके
झांसी में जिन क्षेत्रों में पराली की उपलब्धता है, वहां पंचायतों के माध्यम से गोशालाओं के लिए पराली संग्रह पर जोर दिया जा रहा है। जिन एजेंसियों को गोशालाओं के लिए भूसा सप्लाई का काम मिला हुआ है, उनके माध्यम से भी प्रयास हो रहे हैं कि स्थानीय किसानों की पराली का उपयोग किया जा सके।
पराली जलाने से रोकने के लिए एक ख़ास तरह का डिकम्पोजर किट जिले भर में किसानों को वितरित किया जा रहा है, जिससे खेतों में पराली को सड़ाकर उसे खाद में तब्दील किया जा सके