झांसी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

भाेगवादी संस्कृति के चलन के बीच विज्ञान को भी अपने लिए खींचनी होगी रेखा: प्रो़ त्रिपाठी

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झांसी 03 नवंबर। झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के रसायन विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय रिसेंट एडवांसेज इन मैटेरियल एंड केमिकल साइंसेज विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुंए उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान समय में मनुष्य अपनी आवश्यकता से अधिक प्रकृति का दोहन कर रहा है। विज्ञान को भी अपने लिए एक रेखा सुनिश्चित करनी पड़ेगी।

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 प्रो़ त्रिपाठी ने कहा “  विज्ञान समाज की उपयोगिता के लिए है ना कि विज्ञान के लिए समाज का उपयोग किया जाए। भारत में हमेशा विज्ञान को प्रकृति और संस्कृति दोनों के समन्वय के रूप में देखा जाता रहा है। हमारा विज्ञान मानवीय जीवन की उत्कृष्टता पर तो विचार रखता है लेकिन प्रकृति की मौलिकता को भी महत्व देता है। वर्तमान समय में मनुष्य अपनी आवश्यकता से अधिक प्रकृति का दोहन कर रहा है।विज्ञान को भी अपने लिए एक रेखा सुनिश्चित करनी पड़ेगी।”

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     अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ मुकेश पांडे ने देश विदेश से आए सभी अतिथियों का स्वागत किया. शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। हाल ही में माध्यम एवं लघु मंत्रालय द्वारा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्रथम क़िस्त के रूप में 50 लाख रूपए का अनुदान मिला है। इसके साथ ही सरकार द्वारा इन्क्यूबेशन सेंटर के लिए भी अनुदान प्रदान किया गया है। निश्चित ही इस प्रकार की सहायता से विश्वविद्यालय परिसर में शोध और नवाचार का माहौल बनेगा।

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    कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डीआरडीई, ग्वालियर के निदेशक एम एम परिदा ने कहा की भारत सरकार के सभी उपक्रम छात्रों की सहायता के लिए सदैव तैयार है। आज भारत सरकार अनेक सैन्य उपकरण निर्यात कर रहा है। इससे ये साबित होता है हम पदार्थ एवं रसायन विज्ञानं में वैश्विक स्तर पर बेहतर कार्य कर रहे हैं। इसके पहले अधिष्ठाता विज्ञान प्रो आर के सैनी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। संयोजक डॉ रेखा लगरखा ने विषय के प्रस्तावना प्रस्तुत की, आभार समन्वयक रसायन विभाग डॉ चित्र गुप्ता ने दिया । कार्यक्रम का संचालन डॉ अंकिता जैस्मिन लाल ने किया.

     दूसरे सत्र में मलेशिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ युसरी युसूफ और इंडोनेशियाई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ इदरल ने व्याख्यान दिया। इसके बाद आई आई टी दिल्ली के प्रोफ भुवनेश गुप्ता ने पदार्थ विज्ञान पर अपने विचार रखे। संस्कृतिक संध्या में छात्रों द्वारा अँधा युग नाटक का मंचन किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव विनय कुमार सिंह, वित्त अधिकारी वासी मोहम्मद, डॉ कमलेश बिल्गयियाँ, डॉ दत्त, डॉक्टर गौरी खंवालकर, डॉ धीरेंद्र शर्मा एवं डॉ प्रकाश चंद्र, डॉ ममता सिंह, डॉ अंजू गुप्ता, डॉ संतोष पाण्डेय, डॉ राजेश पाण्डेय उपस्थित रहे।

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