झांसी। बुंदेलखंड के झांसी में न्यायिक मजिस्ट्रेट अमन राय के न्यायालय ने सात साल पहले पुत्र के इलाज के लिए उधार लिए गए 06 लाख रूपये के बदले दिया गया चैक बैंक से बिना भुगतान वापस लौटाए जाने के मामले में दोषी को 06 माह के कारावास की सजा सुनाई तथा 8,35,000 रूपये के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया।

अधिवक्ता कुमार वैभव तिवारी के अनुसार थाना प्रेमनगर क्षेत्र अंतर्गत खिचडीपुरा झांसी निवासी हरिराम पुत्र स्व.धनीराम राठौर ने न्यायालय में दायर परिवाद में बताया था कि तलैया मुहल्ला निवासी अभियुक्त सुमित राय पुत्र स्व. नरेश कुमार राय उसका पुराना परिचित रहा है ।माह अक्टूबर 2018 में अभियुक्त ने पुत्र के इलाज एवं अत्यन्त निजी आवश्यकता बताते हुए 06 लाख रूपये उधार लिए थे।
वायदे के मुताबिक अभियुक्त ने जब 15 नवंबर 2018 तक परिवादी से उधार लिया गया 06 लाख रूपया वापस नहीं किया गया। परिवादी 19 नवंबर 2018 को अभियुक्त के पास गया तो अभियुक्त ने पंजाब नेशनल बैंक का एक चैक नम्बर “972626 स्वयं हस्ताक्षरित करके परिवादी को सौंप दिया । अभियुक्त के खाते में पर्याप्त निधि ना होने के कारण बैंक से चैक बिना भुगतान ” फण्ड इंसफिशिएंट ” की टिप्पणी अंकित कर वापस कर दिया । चैक बिना भुगतान प्राप्त होने पर परिवादी ने अपने अधिवक्ता कुमार वैभव तिवारी एड से एक विधिक/डिमाण्ड नोटिस अभियुक्त के पते पर प्रेषित कराया।
नोटिस की समयावधि के बाद भी धनराशि का भुगतान नहीं किये जाने पर विपक्षी को धारा-138 अधिनियम 1881 के तहत तलब कर वाद विचरण दण्डित करने तथा विपक्षी से उक्त धनराशि परिवादी को दिलाने की याचना न्यायालय में की गयी। परिवादी के बयान और साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त सुमित राय को धारा 138 अधिनियम 1881 के अन्तर्गत परीक्षित किये जाने हेतु तलब किया।
न्यायालय में अभियुक्त सुमित राय को धारा-138 एनआई एक्ट के अन्तर्गत दोषसिद्ध पाते हुए 06 माह के साधारण कारावास की सजा तथा 8,35,000 रूपये (आठ लाख पैंतीस हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर 01 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गयी। अर्थदण्ड में से 8,25,000 रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को अदा किये जाने तथा 10 हजार रूपये राजकोष में जमा कराये जाने का आदेश दिया गया।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन
