झांसी। बुंदेलखंड में झांसी जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक महिला की हत्या के आरोप में पति के दोषी पाये जाने के बाद उसे 10 साल के कारावास और 10 हजार के अर्थदंड की सजा सुनायी।

सत्र न्यायाधीश कमलेश कच्छल की अदालत में 2020 में हुई हत्या के इस मामले की सुनवाई हुई जिसमें वादी और प्रतिवादी दोनों को सुना गया । मामले में गवाह और वादी के मुकर जाने के बाद भी जिला शासकीय अधिवक्ता की ओर से की गयी ठोस पैरवी के चलते आरोपी के खिलाफ दोषसिद्ध हो पाया।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुलकांत श्रीवास्तव ने बताया कि यह मामला 2020 में थाना कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है जिसमें हरिमोहन उर्फ टेंपों पर अपनी पत्नी गायत्री की हत्या का आरोप लगाया गया था। हरिमोहन की बेटी सपना ने तीन जुलाई 2020 को थाना कोतवाली में मां के हत्या के आरोप में अपने पिता के खिलाफ 302 की एफआईआर दर्ज करायी थी।
उसने अपनी शिकायत में बताया था कि उसके पिता मां गायत्री के साथ शराब पीकर अकसर मारपीट किया करते थे। उसकी मां लोगों के यहां बाई का काम करती थी। उसने बताया कि तीन जुलाई 2020 को उसके पिता कहीं से आ रहे थे और मां भी कहीं जा रही थी। हरिमोहन ने रास्ते में गायत्री को रोका और एपेक्स ईंट से उसके सिर पर जोरदार प्रहार करके गंभीर रूप से घायल कर दिया। गायत्री को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गयी।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा और इसके बाद न्यायालय में आराेप पत्र दाखिल किया गया साथ ही मामले की सुनवाई शुरू हुई। पहले तो हरिमोहन की बेटी सपना ने ही अपने पिता के खिलाफ मामला दर्ज कराया लेकिन सुनवाई के दौरान वह अपनी बात से पलट गयी और पिता के पक्ष में बयान दे दिये। बाद में इस मामले में एक ही गवाह बचा था जिसने घटना को अंजाम देकर भागते हुए हरिमोहन को देखा था।
हरिमोहन के पास से आला कत्ल के रूप में वह एपेक्स ईंट भी बरामद की गयी जिससे उसने गायत्री के सिर पर जानलेवा वार किया था। इन सारे तथ्यों को अदालत के समक्ष रखा गया जिसके बाद अदालत ने पेश सबूतों और परिस्थितियों के मद्देनजर मामले में हरिमोहन को दोषी करार देते हुए 10 साल के कारावास और 10 हजार के अर्थदंड की सजा सुनायी।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन