कृषि विश्वविद्यालय

कृषि विश्वविद्यालय में हुआ हिन्दी पखवाड़े का शुभारम्भ

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झांसी 13 सितंबर।  बुंदेलखंड के झांसी जनपद में स्थित रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय  के कृषि महाविद्यालय के सभागार में हिन्दी पखवाड़े का कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज से  शुभारम्भ हुआ ।

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डॉ. सिंह ने कहा कि कृषि विवि में कई प्रदेशों के लोग एवं विद्यार्थी हैं। जोकि बोल-चाल में तो अपनी मातृभाषा हिन्दी का उपयोग कर लेते हैं, लेकिन उसको दिनचर्या में शामिल नहीं कर पा रहे हैं। हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जो राष्ट्र में सेतु का कार्य करती है। हमारे देश में 13-14 करोड़ लोग हिंदी में कार्य करते हैं। हमारा भी उत्तरदायित्व बनता है हम सब हिंदी में ही शासकीय कार्य करें। देश में हिंदी भाषा को तीसरे नंबर पर रखा गया है। हमें इस पर कार्य करना होगा कि यह प्रथम नंबर पर कैसे आएं। कुलपति ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों से आवाहन किया कि अधिकाधिक शासकीय कार्य हिंदी में ही करें।
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राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष / निदेशक शोध डॉ. सुशील चतुर्वेदी ने बताया कि राजभाषा अधिनियम की विस्तृत जानकारी देते हुए भारत की राजभाषा हिंदी दिवस 14 सितम्बर को मनाया जाता है। इसके स्थायी अध्यक्ष भारत देश के ग्रह मंत्री अमित शाह जी हैं। यह कार्यक्रम ग्रह मंत्रालय के आदेशानुसार आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को संस्थाएं पाक्षिक, मासिक, पखवाड़े के रूप में आयोजित करती है। विश्व में 70 करोड़ हिंदी भाषी हैं – वैश्विक मंच पर भी आज हिंदी को लेकर सोच में तेजी से बदलाव आ रहा है। हमारी भाषा संयुक्त राष्ट्र के साथ – साथ अर्न्तराष्ट्रीय मंचों पर इस्तेमाल होने लगी है। विदेश में रह रहे भारत के अधिकारी भी हिंदी का प्रचलन बढ़ा रहे हैं। हिंदी भारत देश की सबसे सशक्त भाषा है।
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निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसएस सिंह ने कहा कि देश में 14 सिंतम्बर आज हिंदी दिवस एवं 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत में जितने राज्य हैं उन सभी राज्यों में क्षेत्रीय भाषा बोली जाती है, जैसे बुंदेलखण्ड में बुंदेलखण्डी, रूहेलखण्ड में रूहेलखण्डी, अवध क्षेत्र में अवधि, बिहार में भोजपुरी, ब्रज क्षेत्र में ब्रज भाषा इसी प्रकार सभी राज्यों में अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का विशेष प्रचलन है। जो कि खड़ी बोली के अर्न्तगत आती है। खड़ी बोली की शुरूआत भारतेन्दु हरिश्चंद के समय से हुई। हिंदी भाषा ने हमारे राष्ट्रीय आंदोलन में पिरोने का कार्य किया है। हिंदी को बढ़ावा देने में देश के सभी हिंदी समाचार पत्र एवं हिंदी सिनेमाओं का योगदान रहा है।
राजभाषा कार्यान्वयन समिति सचिव डॉ. राकेश चौधरी ने कार्यक्रम आख्या प्रस्तुत की। छात्रा रूचि ने शिक्षक (गुरू) पर काव्य पाठ प्रस्तुत किया।
 इस अवसर पर विश्वविद्यालय  सभी अधिकारी, शिक्षक, वैज्ञानिक, विद्यार्थी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉ. अलका जैन ने एवं डॉ बृजविहारी शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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