




कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि झाँसी मण्डल के मंडलायुक्त विमल दुबे ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में सबकुछ व्याप्त है। इसमें कर्म और धर्म है तो त्याग और भोग भी है। भाषा सभ्यता के लिए बेहद दूरी है । हिन्दी पूरे देश को एक माला में पिरोने का काम करती है। कौशल विकास को आगे बढ़ाने के लिए भाषा कि सहजता भी जरूरी है। हिन्दी को इतना सक्षम होना चाहिए कि किसी भी स्थिति में अन्य भाषा की आवश्यकता ना पड़े।
इससे पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा अधिष्ठाता, कला संकाय भवन का भूमि पूजन भी किया गया। सभी अतिथियों को चिरगांव स्थित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के घर का भ्रमण भी कराया गया।