झांसी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी की वीर भूमि से आज प्रदेश के खिलाड़ियों को आत्मनिर्भरता और सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि खेल अब केवल शौक नहीं, बल्कि जीवन को संवारने का सशक्त माध्यम बन चुका है। प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के साथ सीधी नौकरियां दे रही है।
यहां भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर विद्या भारती के 36वें क्षेत्रीय खेलकूद समारोह में शामिल होने आये मुख्यमंत्री ने बच्चों और युवाओं से बेझिझक खेलों के क्षेत्र को अपनाने और करियर बनाने के अपील करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। हर गांव में खेल मैदान, विकासखंड में मिनी स्टेडियम, जनपद में स्टेडियम और नगरों में ओपन जिम बनाए जा रहे हैं। खेलो इंडिया, फिट इंडिया और सांसद खेलकूद प्रतियोगिताएं युवाओं को प्रोत्साहित कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 500 खिलाड़ियों को सीधे सरकारी नौकरियों से जोड़ा गया है। आगामी भर्तियों में डिप्टी एसपी, तहसीलदार, कानूनगो और खेल अधिकारी जैसे पदों पर सीधी नियुक्तियां की जाएंगी।
समारोह में योगी ने खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए कहा कि “स्वस्थ शरीर ही धर्म और राष्ट्र निर्माण का आधार है”। इस अवसर पर उन्होंने भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में मिनी स्टेडियम निर्माण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने विद्या भारती की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि आज यह संस्था भारत की परंपरा और संस्कृति को मजबूत करने वाली अग्रणी शक्ति बन चुकी है। गोरखपुर की धरती पर 1952 में राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख द्वारा बोए गए बीज से आज देशभर में 25,000 से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में सेक्युलर दिखाने की होड़ ने भारतीय मूल्यों को हाशिए पर धकेला, लेकिन विद्या भारती ने बिना सरकारी सहयोग के गाँव से शहर और वनवासी क्षेत्रों तक शिक्षा का राष्ट्रीय मॉडल खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि विद्या भारती से जुड़े खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स, ओलंपिक और पैरालंपिक तक में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। ओलंपियन पद्मश्री सुधा सिंह, ओलंपियन निषाद कुमार, शैली सिंह, आदेश सिंह जैसे खिलाड़ी इसी संस्थान से निकले हैं।
योगी ने विद्या भारती के 49 जनपदों से आए 450 प्रतिभागियों के जज्बे की प्रशंसा की और कहा कि हार-जीत से परे एक खिलाड़ी का हौसला उसे विजयश्री दिलाता है। खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने अब तक 500 खिलाड़ियों को सीधे सरकारी नौकरी दी है। उन्होंने खेल पदक विजेताओं के लिए इनामी राशि का भी उल्लेख किया।
उन्होंने सरकार की ओर से ओलंपिक (एकल खेल) स्वर्ण पदक: 6 करोड़,रजत पदक,4 करोड़, कांस्य पदक 2 करोड़, ओलंपिक (टीम खेल) के लिए स्वर्ण पदक 3 करोड़, रजत पदक 2 करोड़, कांस्य पदक1 करोड़,एशियाई खेल में स्वर्ण 3 करोड़, रजत1.5 करोड़, कांस्य 75 लाख, कॉमनवेल्थ खेल स्वर्ण 1.5 करोड़, रजत 75 लाख, कांस्य 50 लाख, वर्ल्ड कप चैंपियनशिप स्वर्ण1.5 करोड़, रजत 75 लाख, कांस्य 50 लाख, सेफ गेम्स और नेशनल गेम्स (एकल) स्वर्ण 6 लाख, रजत 4 लाख, कांस्य 2 लाख,नेशनल गेम्स (टीम) स्वर्ण 2 लाख, रजत 1 लाख, कांस्य 50 हजार इसके अलावा ओलंपिक प्रतिभागी खिलाड़ियों को 10 लाख और कॉमनवेल्थ व एशियन खेल प्रतिभागियों को ₹5 लाख की प्रोत्साहन राशि, लक्ष्मण पुरस्कार (पुरुष) और रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार (महिला) से सम्मान, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों को 20,000 मासिक सहायता, वृद्धावस्था में खिलाड़ियों को 4,000 से 10,000 मासिक पेंशन का उल्लेख किया।।
योगी ने खेल को सर्वांगीण विकास का माध्यम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वस्थ और सशक्त नागरिक जरूरी है। ‘शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्’ का मंत्र हमारे ऋषियों ने दिया। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य था, लेकिन पिछले 8.5 वर्षों में यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और जल्द ही नंबर एक बनेगा। सीएम योगी ने कि आज उत्तर प्रदेश के नागरिकों को पहचान का संकट नहीं है। अब जब कोई कहता है कि वह यूपी से है, तो सामने वाले के चेहरे पर गर्व और सम्मान की चमक दिखती है। यह नया उत्तर प्रदेश है, जो अपनी विरासत का भी सम्मान करता है और विकास की राह पर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण की सराहना करते हुए कहा कि यहां मिनी स्टेडियम बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में खेल आयोजनों को और बेहतर ढंग से आयोजित किया जा सके। सीएम योगी ने विद्या भारती के 49 जनपदों से आए 450 प्रतिभागियों के जज्बे की प्रशंसा की और कहा कि हार-जीत से परे एक खिलाड़ी का हौसला उसे विजयश्री दिलाता है।