झांसी 07 फरवरी।वीरांगना नगरी झांसी स्थित रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय “ उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी ” का आयोजन होने जा रहा है ,जिसमें आठ राज्यों के किसान पुनर्जीवी कृषि के महत्व को जानेंगे और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकी से रूबरू होने का भी मौका मिलेगा।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने पत्रकारों को इस आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 08-10 फरवरी के बीच होने जा रहे किसान मेले और कृषि प्रदर्शनी में केंद्रीय कृषि मंत्री, राज्य के कृषि मंत्री, स्थानीय सांसद एवं विधायकगण शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि “सतत विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि का उद्देश्य लेकर इस किसान मेले एवं प्रदर्शनी का आयोजन होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज की दुनिया में, जहां उपभोक्ता पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंतित हैं, पुनर्जीवी कृषि आशा की किरण के रूप में हमारी खाद्य प्रणाली में आने वाली चुनौतियों का एक उचित समाधान है। पुनर्जीवी कृषि केवल एक कृषि पद्धति से कहीं अधिक है, यह एक समग्र दृष्टिकोण है जो हमारी भूमि को पुनः स्थापित और पुनर्जीवित कर सकता है। मूल में, पुनर्जीवी कृषि इस अहसास की प्रतिक्रिया है कि हमारी वर्तमान कृषि पद्धतियाँ, हालांकि हमें खिलाने में सक्षम है, पर यह पारिस्थितिक क्षरण के निशान भी छोड़ गई हैं।
डॉ. सिंह ने बताया कि इस क्षेत्रीय किसान मेला में 8 राज्य उत्तर प्रदेश सहित जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ भी हिस्सा ले रहे हैं।इस मेले में किसानों को परंपरागत कृषि, कृषि निर्यात की संभावनाए, फल, सब्जी, फूल, मशरूम व अन्य लाभदायक फसलों के उत्पादन की जानकारी के साथ-साथ दलहन, तिलहन व श्रीअन्न की खेती तथा उसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानकारी प्रदान की जायेगी।
कृषि मेले एवं प्रदर्शनी में कृषि से संबंधित विभिन्न तकनीकों, यंत्रों एवं सजीव प्रदर्शन किसानों, उत्पादकों, विक्रेताओं, को दिखाये जायेंगे। इस मेले के प्रमुख आकर्षण प्राकृतिक खेती के मॉडल एवं प्रदर्शनी, संरक्षित खेती पॉलीहाउस तकनीकी, बागवानी एवं कृषिवानिकी तकनीकी पार्क नवीन प्रजातियां एवं तकनीकों का सजीव प्रदर्शन, आय उन्मुख विधाएं – शहद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, बीज उत्पादन, वर्मीकम्पोस्ट, मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण, उन्नत बीज एवं पौधों की बिक्री, व्याख्यानमाला एवं कृषि गोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम रहेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में लगभग 125 स्टाल लगाये जायेंगे जिसमे सीएआर, विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र, एफ.पी.ओ. कृषि आधारित निजी संगठन एवं अन्य सभी हितधारकों के लिए है जो अपने व्यवसाय के विस्तार और विवधीकरण में रूचि रखते हैं। इस कृषि मेला में कृषि विभाग, सरकार के साथ श्रीअन्न पर विशेष तकनीकी सत्र एवं श्रीअन्न से बानाये गये पकवान पर भी प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी साथ ही उद्यान विभाग, उ प्र सरकार के साथ मिल कर फूल प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता भी आयोजित की जायेगी।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय