प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण कार्यक्रम

किसान अपनाएं गौ आधारित प्राकृतिक खेती: अल्पना बाजपेई

//

झांसी 24 फरवरी। बुंदेलखंड के किसानों को गौ आधारित खेती के फायदों से अवगत कराते हुए प्राकृतिक खेती को जनप्रिय बनाने के लिए जारी अनवरत प्रयासों के तहत आज विकासखंड मोंठ के साकिन गांव के किसानों को इस बारे में जागरूक किया गया।


ग्राम साकिन विकासखंड मोंठ में भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) के अन्तर्गत गौ आधारित प्राकृतिक खेती में चयनित क्लस्टर के कृषकों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विषय वस्तु विशेषज्ञ  अल्पना बाजपेई ने गौ आधारित खेती करने वाले कृषकों को क्षेत्र का भ्रमण कराकर अधिकाधिक कृषकों को उक्त पद्धति अपनाये जाने हेतु प्रेरित कर तथा उप कृषि निदेशक कार्यालय में गौ आधारित प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान किये जाने हेतु हेल्पलाइन स्थापित किये जाने की जानकारी किसानों को दी।


इस दौरान किसानों को गौ आधारित खेती में उपयोग किये जाने वाले जीवामृत/धन जीवामृत तैयार करके दिखाया गया एवं बीजामृत से बीजों का शोधन करने की जानकारी मौके पर दी गई।  जीवामृत तैयार किये जाने के साथ ही उसके उपयोग की विधि को भी कृषकों से साझा किया गया।


इस दौरान सुश्री बाजपेई ने  “मोटा अनाज खाओ- बीमारी दूर भगाओ” का नारा देते हुए मोटा अनाज खेती को प्रोत्साहन, इन फसलों का जनपद में दायरा बढाने औरउससे दूर होने वाली बीमारियों की जानकारियां दी। मोटे अनाज की उपयोगिता को देखते हुए 2023 को दुनिया भर में मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। आहार एवं पोषण विशेषज्ञ मोटे अनाजों की खुबियों से इतने प्रभावित है कि इन्हें सुपर फुड्स के रूप में मान्यता दे रहे है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने श्री अन्न योजना का नाम दिया है। मिलेट्स के बारे में जागरूकता बढ़े इसीलिए प्रशिक्षण के दौरान यह जानकारी दी गई है, उपलब्धता कम होने से महँगा मिलते है। पौस्टिक तत्व भरपूर मात्रा में होने के कारण मोटे अनाज को एनीमिया व कुपोषण की समस्या को दूर करने में सहायक माना जा रहा है।


सुश्री बाजपेई ने किसानों को  मोटे अनाज के उत्पादन की विधियों एवं खेत तैयार करने के तरीकों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिलेट्स कंपनी में कम खर्च में उगाए जाते हैं फसल खराब भी हो जाए तो चारे के रूप में प्रयोग किया जा सकता है उन्होंने कहा कि अस्थमा रोग में मोटा अनाज बहुत लाभदायक है इसमें विटामिन बी 3 होता है जो शरीर की मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को ठीक करता है।


कृषि विज्ञान केंद्र भरारी की प्रभारी डॉक्टर निशी राय ने कहा कि मोटे अनाजो में फाइबर की प्रचुरता मधुमेह और मोटापे से बचाती है। उन्होंने बताया कि जनपद में मोटे अनाजों की खेती की कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है विभाग द्वारा बीज उपलब्ध कराकर जागरूक करके आच्छादन एवं उत्पादन बढ़ाया जाएगा।

वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

ललितपुर: अनाज से भरी ट्रैक्टर -ट्रॉली पलटी , किसान की मौत

Next Story

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में “माई हेल्थ, माई च्वॉइस” विषय पर हुई संगोष्ठी

Latest from Jhansi

झांसी:उ.प्र. लोक सेवा आयोग प्रयागराज की परीक्षा में बैठे 9543 अभ्यर्थी, 13443 रहे अनुपस्थित

झांसी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज परीक्षा आयोजित परीक्षा सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रा)