झांसी 13 अप्रैल। बुंदेलखंड में झांसी में आज अचानक बिगड़े मौसम के मिजाज के बीच चली तेज हवाएं और बारिश भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों के अनुशासन को भंग नहीं कर पायी और छत्रसाल नगर में स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में स्वाभिमान के साथ कदम से कदम मिलाते हुए पथसंचलन किया।
घोष की थाप पर खराब मौसम के बीच जब स्वयंसेवक पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़े तो उनके अनुशासन को देखकर संचलन मार्ग पर मौजूद लोग भी खुद को रोक न सकें और लोगों ने स्वयंसेवकों के जज़्बे को सलाम किया साथ ही उनपर पुष्पवर्षा करते हुए सभी का उत्साह भी बढ़ाया।
इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सह महानगर कार्यवाह बृजेंद्र ने पथ संचलन का महत्व समझाते हुए स्वयंसेवकों को बताया कि स्वयंसेवकों का पथ संचलन हिंदू समाज में चेतना व स्वाभिमान को जागृत करने का कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि 1925 में संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी ने हिन्दू समाज की दुर्दशा का चिंतन करते हुए उसे सुधारने के लिए इस अनुशासित संगठन का पौधा लगाया था। आज यह संघ नामक पौधा वटवृक्ष बनकर स्वयंसेवकों के माध्यम से राष्ट्र के कार्यों को संचालित करा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही वह संगठन है जिसके स्वयंसेवक को वर्गों के माध्यम से तपाकर उनमें राष्ट्रभक्ति, समाज के प्रति समरसता व समर्पण का भाव भरा जाता है। तभी एक स्वयंसेवक अनुशासित होकर समाज व देश की चिंता में सदैव तत्पर रहते हैं। यह सभी स्वीकार करते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष में सनातन संस्कृति के नवसंवत्सर के अवसर पर ही संघ संस्थापक का जन्मदिवस मनाया जाता है। ऐसे में पथ संचलन निकालकर हिन्दू समाज में चेतना व स्वाभिमान जगाने का कार्य किया जाता है। आज डॉ साहब के आदर्शों पर चलकर स्वयंसेवक देश को परमवैभव की ओर ले जा रहे हैं और संघ शताब्दी वर्ष मनाने की ओर अग्रसर है।
मंच पर नगर संघ चालक आशुतोष व बुन्देलखण्ड महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एसके राय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। पथ संचलन
बुन्देलखंड महाविद्यालय से शुरू होकर जीवनशाह तिराहा होते हुए इलाइट पहुंचा। वहां से वापस बुन्देलखंड महाविद्यालय में समापन हुआ।
कार्यक्रम में प्रार्थना राजशेखर ने कराई। इस अवसर पर सह नगर संचालक तीर्थेश, नगर कार्यवाह विनय,विस्तारक अमन, महानगर घोष प्रमुख सायुज्य, महानगर सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख सौरभ, वासुदेव, वशिष्ठ, आदि सैकड़ों स्वयंसेवक पथ संचलन में उपस्थित रहे।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन