आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारी

झांसी प्रशासन के सख्त रवैये के चलते उपमुख्यमंत्री से नहीं मिल पाए सफाईकर्मचारी

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झांसी। वीरांगना नगरी झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले सफाई कर्मचारी दो दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी मांग पूरी न होती देख आज जब उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में झांसी आए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलने का प्रयास किया तो प्रशासन ने उन्हें रोक दिया।
आउटसोर्सिंग  सफाई कर्मचारी
अधिकारियों ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर जो आश्वासन दिये उससे कर्मचारी संतुष्ट नजर नहीं आये।   इसके बाद सर्किट हाउस की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारी सफाई कर्मचारियों को महानगर के चचिर्त इलाइट चौराहे के आगे रोक दिया । पुलिस प्रशासन ने बड़ी संख्या में मौजूद सफाई कर्मचारी जिनमें महिला कर्मचारी भी शामिल थी सभी को लक्ष्मी गार्डन में रोक दिया।
आउटसोर्सिंग  सफाई कर्मचारी
श्री जैन ने प्रशासन के इस रवैया पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि एक और मेडिकल में सफाई का काम करने वाले आउटसोर्सिंग के इन कर्मचारियों का 2 महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है और आज जब हम इस मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं तब प्रशासन ने हमें रोक दिया है। उन्होंने बताया कि हमने प्रशासन से अनुरोध किया था कि हम उप मुख्यमंत्री जी के समक्ष जाकर कोई हंगामा नहीं करेंगे केवल पांच लोगों को वहां भेज दिया जाए लेकिन प्रशासन ने इसकी भी इजाजत नहीं थी।
श्री जैन ने इस पर कहा कि एक और तो सरकार महाकुंभ में सफाई कर्मचारियों को 18000 रुपए देने की बात कर रही है वही यहां झांसी में मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों का पिछले दो महीने से वेतन ही नहीं जारी किया गया है। इन लोगों के घर में भूखे मरने की नौबत आ चुकी है बच्चों की पढ़ाई लिखाई और दूसरे जरूरी खर्चो को पूरा करने में अब यह लोग पूरी तरह से असमर्थ हैं ।
उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि 18000 नहीं इनके महीने का जो वेतन है और दो माह से रुका हुआ है उसे जारी कर दिया जाए उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की मांग नहीं मानती है तब यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।
आउटसोर्सिंग  सफाई कर्मचारी
इस दौरान कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा “ मात्र आठ हजार रूपये वेतन है जो दो-दो,तीन-तीन महीने रोक कर दिया जाता है। ऐसे में हम अपने बच्चों की परवरिश कैसे कर पायें। प्रिंसिपल कुछ कहते हैं और ठेकेदार कुछ कहता है। कोई मदद नहीं कर रहा है। आज सुबह तो हमें धमकियां भी दी गयीं कि अगर हमने हड़ताल खत्म नहीं की तो नौकरी से निकाल दिया जायेगा। नया ठेकेदार नौकरी पर नहीं लेगा।”
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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