17 साल बाद मिला मृत दहेज पीड़िता को न्याय

17 साल बाद मिला मृत दहेज पीड़िता को न्याय,आरोपी पति व उसका चाचा गिरफ्तार

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जालौन 19 अप्रैल । जनपद जालौन में 17 साल पहले एक महिला की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने उस समय महिला के शव को बरामद किया था, मगर उसकी शिनाख्त न कर पाने के कारण शव को अज्ञात मानते हुए जला दिया था। बुधवार को 17 साल बाद उस महिला की हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया । हत्या करने वाले आरोपी पति व उसके चाचा को गिरफ्तार किया है।

          इस मामले का खुलासा करते हुए जालौन के पुलिस अधीक्षक डॉ. ई राज राजा ने बताया कि 17 अप्रैल को डकोर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम टिमरो निवासी विष्णु सैन पुत्र रामसेवक हाल निवास राजेंद्र नगर उरई ने जनसुनवाई के दौरान एक शिकायती पत्र दिया था। उसने बताया था कि उसकी बहन मंजू का विवाह 2005 में संतोष पुत्र नत्थू निवासी इंदिरा नगर उरई के साथ हुआ था। विवाह के बाद संतोष व उसके परिजनों ने ज्यादा दहेज की मांग शुरू कर दी गई। मगर आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण में अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न होने पर बहन मंजू को तरह-तरह से ससुरालीजनों ने प्रताडित करने लगे।
           2006 के बाद से उसकी बहन मंजू अचानक गायब हो गई। उसका कोई पता नहीं चला। बहन मंजू और बहनोई संतोष अचानक गायब हो गए। उसने बहनोई संतोष और उसके चाचा रामहेत पर हत्या करने का आरोप लगाया। जिस पर पुलिस ने जांच की और आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए सीओ के नेतृत्व में टीम बनाई। जहां पुलिस ने दबिश देकर कानपुर देहात के भोगनीपुर थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम माचा से संतोष को गिरफ्तार किया,  उससे पूछताछ की गई तो उसने हत्या की बात कबूल की।
             इस मामले में जालौन के एसपी  ने बताया कि 2006 में दहेज के लालच में संतोष ने अपने चाचा रामहेत के साथ मिलकर मंजू को जंगल में ले जाकर सिर पर वार करते हुए बेरहमी से हत्या कर दी और यहां से बाहर रहने लगा।संतोष ने साथ ही दूसरी शादी भी कर ली।  अपनी दूसरी पत्नी के साथ कानपुर देहात में रह रहा था। आरोपी से जब पूछताछ की गई तो उसने हत्या में प्रयोग की गई सरिया और अन्य सामान बरामद किया है। एसपी ने बताया कि यह 17 साल पुराना मामला है। महिला का शव पहले ही बरामद हुआ था मगर उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी। इस कारण उसे अज्ञात में उसका अंतिम संस्कार करा दिया था। बुधवार को इस मामले में खुलासा हुआ है।
              मृतक महिला मंजू के भाई विष्णु का कहना है कि वह 2006 से लगातार पुलिस और थाने के चक्कर लगा रहा था। कई बारे थाने गया लेकिन पुलिस ने भगा दिया। इसके बाद भी न्याय के लिए चक्कर लगाता रहा। उरई कोतवाली पुलिस की ओर से उसकी सुनवाई नहीं हुई।
             17 अप्रैल को जनसुनवाई में शिकायत की और बताया कि बहन का हत्यारोपी कानपुर में रह रहा है। इसके बाद एसपी ने पुलिस टीम का गठन कर कानपुर भेजा। सख्ती से पूछताछ करने के बाद उसने हत्या की बात कबूल कर ली। इस दौरान बहन की मौत के सदमे में पिता का भी देहांत हो गया है। विष्णु का कहना है कि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उससे बहन की आत्मा को शांति मिलेगी।
अनिल ,वैभव  सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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