मंडलीय सेमीनार

मिर्गी (एपिलेप्सी) पर हुआ मंडलीय सेमीनार का आयोजन

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झांसी 24 जुलाई। देश में  विभिन्न प्रकार की बीमारियों के मरीजों की बढ़ती संख्या से जुड़ी चिकित्सा जगत की चिंताओं को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत बुंदेलखंड के झांसी मंडल में एक सेमीनार का आयोजन किया गया।

चिकित्सा एवं उपचार से संबंधित समय-समय पर हो रहे अनुसंधानों व उनके निष्कर्षों से चिकित्साधिकारियों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का ज्ञानवर्धन के लिए ईको प्लेटफार्म के माध्यम से झांसी मण्डल के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्य कर रहे चिकित्साधिकारियों व आई.एम.ए. के सदस्यों का वर्चुअल सेमिनार आयोजित किया गया।

 मंडलीय सेमीनार

‘मिर्गी और गैर-मिर्गी दौरों की प्राथमिक देखभाल एवं उपचार’ विषय पर आयोजित सेमिनार  में  विषय विशेषज्ञ के रूप में मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलाजी विभागाध्यक्ष डा. अरविन्द कनकने ने व्याख्यान दिया।

डा. कनकने ने बताया कि प्रत्येक सौ में से एक व्यक्ति को एपिलेप्सी (मिर्गी) की संभावना रहती है, चिंता का विषय यह है कि इस बीमारी के प्रति लोगों का नजरिया इस प्रकार का है कि  पीड़ितों को समय पर सही उपचार नहीं मिल पाता है। कुल ग्रसित मरीजों में से केवल 20 प्रतिशत मरीजों को ही इलाज मिल पा रहा है।

 मंडलीय सेमीनार

समाज में मिर्गी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इससे संबंधित मिथकों को दूर करना अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें मस्तिष्क की  गतिविधियों में अचानक परिवर्तन होता है, जिससे दौरे (सीजर) आते हैं। यदि किसी महिला को मिर्गी के दौरे आते है तो प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले न्यूरोलाजिस्ट से सलाह अवश्य लें। डा. कनकने ने सेमिनार के दौरान स्टे, सेफ एण्ड साइट के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

सेमिनार की अध्यक्षता करते हुये डा. आर.के. सोनी, संयुक्त निदेशक ने कहा कि मिर्गी के मरीजों को सामाजिक समर्थन और सहानुभूति की आवश्यकता होती है। ए.सी.एम.ओ. डॉ. एन.के. जैन ने मिर्गी को लेकर समाज में मिथक और गलत धारणाओं पर चर्चा की। आई.एम.ए. झांसी इकाई के अध्यक्ष डा. प्रताप सिंह ने कहा कि सभी चिकित्सकों को मरीजों की निरंतर निगरानी कर रेफर करते समय संबंधित चिकित्सा विशेषज्ञ को मरीज की स्थिति की जानकारी देकर ही भेजना मरीज के हित में होगा।

सेमिनार के संयोजक एन.एच.एम. के मण्डलीय परियोजना प्रबंधक आनन्द चौबे ने कहा कि मण्डल स्तर पर चिकित्साधिकारियों व सी.एच.ओ. के ज्ञानवर्धन के लिये इस तरह के सेमिनार लगातार आयोजित किये जा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवा-तंत्र से जुड़े लोगों की क्षमता वृद्धि हो रही है। सेमिनार में झांसी, जालौन व ललितपुर के लगभग 100 चिकित्सकों व सी.एच.ओ. ने भाग लिया।

सेमिनार में ए.सी.एम.ओ. डा. देवेन्द्र भिटौरिया, मो. अतीब खाँन, धीरज सिंह चौहान आदि भी उपस्थित रहे।

वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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