झांसी 13 फरवरी । झांसी स्थित ऐतिहासिक लक्ष्मीतालाब की नपाई के काम में प्रशासन पर गंभीर लापरवाहियां बरतने करने का आरोप लगाते हुए आज हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्ष न केवल एक साथ आये बल्कि उन्होंने आराेप लगाया कि प्रशासन अपनी गलतियों को छिपाने के लिए जबरन इस विवाद में मंदिर और मजार को गिराने की चेष्टा कर रहा है।

महानगर में लगातार विवाद का कारण बने लक्ष्मीतालाब को लेकर हिंदूवादी राष्ट्रभक्त संगठन, खाकी खाह मजार के सूफी असलम और बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा (बुंनिमो) के भानुसहाय ने आज पत्रकारों से बात की। सभी ने लक्ष्मीताल से जुड़े विवाद को लेकर नगर निगम, और जेडीए पर गंभीर आरोप लगाये। हिंदूवादी राष्ट्रभक्त संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंचल अडजरिया ने कहा कि नगर निगम और जेडीए उन भूमाफियाओं को बचाने का प्रयास कर रहा है जिन्होंने लक्ष्मीताल के आस पास की जमीन कब्जायी है।
उन्होंने आरोप लगाया “ लक्ष्मीताल का वास्तविक स्वरूप 78 हेक्टेयर का था जिसे इन्होंने 33 हेक्टेयर का कर दिया और अब इनका कहना है कि इसके अंदर अतिक्रमण है। भूमाफियाओं को बचाने के लिए यह विभाग मंदिर और मस्जिद को विवादित बताकर उन्हें तोड़ने की कार्रवाई कर रहे हैं साथ ही नगर पार्क की जमीन बताकर गरीबों के घरों को तोड़ने का काम किया जा रहा है। राष्ट्रभक्त संगठन पूरे हिंदू और मुस्लिम समाज के साथ मिलकर किसी गरीब के आशियाने या मंदिर या मस्जिद को तोड़ने नहीं देगा । इसके लिए अगर गोली भी खानी पड़ी तो हम तैयार हैं। ”

सूफी असलम ने कहा कि लक्ष्मीताल पर बने मंदिर और मज़ार झांसी के सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक हैं। नगर निगम और जेडीए इन्हें तोड़कर महानगर के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं जिसे किसी कीमत पर भी होने नहीं दिया जायेगा।
इस अवसर पर बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानुसहाय ने कहा कि लक्ष्मीताल की नपाई अभी तक नहीं हुई है और इसके विकास के नाम पर 54 करोड़ रूपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले मे अब हिन्दू पक्ष एवं मुस्लिम पक्ष आदि में एकराय करके सामंजस्य बनाते हुए मंदिर व मजार सहित सैकड़ों मकानों को तोड़े जाने का विरोध कर सामूहिक रूप से लड़ाई लड़ी जाएगी।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन